रायपुर। घटिया हेपरिन इंजेक्शन की सप्लायर फार्मा कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। सीजीएमएससी ने हरियाणा की दो लैब से भी रेट कांट्रेक्ट खत्म कर दिया है। इनमें इडमा लेबोरेटरीज लिमिटेड पंचकूला व सेटिएट रिसर्च एंड अंटेक प्राइवेट लिमिटेड बरवाला पंचकूला के नाम शामिल हैं। यह कार्रवाई इंजेक्शन सप्लाई करने वाली वड़ोदरा की डिवाइन लेबोरेटरी को ओके रिपोर्ट देने के चलते की गई है। इस मामले में सीजीएमएससी के तत्कालीन डिप्टी मैनेजर क्वालिटी कंट्रोल लक्ष्मण खेलवार को सस्पेंड करने की अनुशंसा भी की गई है।

यह है मामला

जानकारी अनुसार खून पतला करने वाले हेपरिन इंजेक्शन के दो बैच के इंजेक्शन खराब निकले थे। मामला संज्ञान में आने पर छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) ने घटिया हेपरिन इंजेक्शन को अस्पतालों से वापस मंगवाया। साथ ही इसके उपयोग पर पाबंदी लगाई गई। वहीं डिवाइन लेबोरेटरी वड़ोदरा, पंचकूला के दोनों लैब व खेलवार को नोटिस भेजा गया। डिवाइन कंपनी ने घटिया इंजेक्शन का लाट वापस मंगाने पर भी सहमति जताई।

घटिया क्वालिटी के इंजेक्शन कंपनी को ब्लैक लिस्टेड क्यों नहीं किया गया, के जवाब में अधिकारियों का कहना है कि हिपेरिन इंजेक्शन 5000 आईयू-एमएल के लिए अनुबंध पहले ही खत्म हो चुका है। 1000 आईयूू-एमएल के लिए डिवाइन लेबोरेटरी के साथ रेट कांट्रेक्ट खत्म कर दिया है। यह निर्णय घटिया क्वालिटी के इंजेक्शन सप्लाई के कारण लिया गया है। खेलवार को उच्चाधिकारियों को पूर्ण जानकारी न देने तथा उच्चाधिकारियों से अनुमोदन नहीं लेने के कारण कार्रवाई की गई है।

डिवाइन लेबोरेटरी में बने हेपरिन इंजेक्शन बैच नंबर डीपी 4111 तथा बैच नंबर डीपी 2143, दोनों ही घटिया निकल चुका है। दोनों इंजेक्शन ने मरीजों पर कोई असर नहीं किया और डॉक्टरों को बाहर से इंजेक्शन लगाकर पैर की ब्लॉकेज नस का ऑपरेशन किया। इंजेक्शन घटिया होने की शिकायत कार्डियोलॉजी व कार्डियक सर्जरी विभाग ने अस्पताल प्रबंधन से की थी। इसके बाद प्रबंधन ने सीजीएमएससी को शिकायत की। तब कॉर्पोरेशन ने दोनों बैच के इंजेक्शन वेयर हाउस में वापस मंगवाए।