भारत के अस्पतालों के आपरेशन थियेटर अब मोदी मंत्र से लैश हो रहे हैं। वह दिन दूर नहीं जब इनमें इस मंत्र का जादू सिर चढ़ कर बोलेगा।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ का जो मंत्र फूंका था वह अब देश के अस्पतालों के आपरेशन थियेटरों में अपना शौर्य दिखाने लगा है। मंत्र या ‘मंत्रा’, जैसे चाहें कह लें, नामक देश में निर्मित सर्जिकल रोबोट केवल देश में ही विदेशों के आपरेशन थियेटरों में भी अपनी विजय पताका फहराने लगा है।
पिछले दिनों दिल्ली के ओबेराय होटल में मंत्रा के लेटेस्ट वर्सन के लांच किए जाने के मौके पर देश के तमाम रोबोटिक सर्जरी के दिग्गजो ने जिस तरह ‘मंत्रा’ की शान में कशीदे कढ़े इस बात में कि य़ह मेड इन इंडिया सर्जिकल रोबोट न सिर्फ वर्ल्ड क्लास है बल्कि उससे भी निकल गया है। उस पर तुर्रा यह कि विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सर्जिकल रोबोटों की तुलना में इसकी कीमत कम है। कम कीमत की वजह से रोबोटिक सर्जरी तक आम मरीजों की पहुंच भी हो जाएगी। कहने की जरुरत नहीं कि रोबोट सर्जरी का सबसे अच्छा टूल है। मंत्रा को लेकर भारतीय इंजीनियरों की भी भूरी भूरी प्रशंसा हो रही है।
सोने पर सुहागा यह है कि इस रोबोट को अमेरिका में कुछ सबसे निपुण हार्ट रोबोटिक सर्जनों में एक राजस्थान के मूल निवासी डा. सुधीर श्रीवास्तव ने अंजाम दिया है। अमेरिका में उनके द्वारा की गई 1400 से अधिक रोबोटिक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी पूरी दुनिया में नजीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ आह्वान के बाद उन्होंने अमेरिका की शोहरत और ऐशो आराम के जीवन को छोड़ कर भारत आने में एक मिनट भी नहीं लगाई। मंत्रा उनके उसी देशभक्ति के जजबे का नतीजा है। इसके लिए उन्होंने एसएस इन्नोवेशंस कंपनी की स्थापना की। सस्ता एवं सर्वश्रेष्ठ रोबोटिक सर्जरी बनाने की उनकी जिद भी सर्जनों के बीच सराहना का विषय है। कहते हैं भारत के शिखर पुरुष मिजाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम ने कभी मुलाकात में डा. श्रीवास्तव को कहा था कि वे चाहते हैं कि भारत दुनिया का मेडिकल डिवाइस का हब भी बने। तो देखा जाए तो मंत्रा मिजाइस मैन के सपने का पूरा होना भी है।
अस्पतालों ने अब तक एसएसआई मंत्रा नामक 50 देशी सर्जिकल रोबोट खरीद लिए हैं। इससे 1700 से भी अधिक सफल रोबोटिक सर्जरी हो चुकी है। इनमें कार्डिएक ( हृदय संर्जरी) की संख्या 100 पहुंच चुकी है। दुबई स्थित एस्टर डीएम हेल्थकेयर पहुंच कर देश की हद भी पार कर चुका है। दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर इंस्टीच्यूट एवं बीएलके-मैक्स सुपरस्पेशियैलिटी हास्पिटल, रायपुर स्थित संजीवनी सीबीसीसी सुपर स्पेशियैलिटी कैंसर हास्पिटल, हैदराबाद स्थित कांटिनेंटल हास्पिटल, कोइम्बटूर के हिंदूस्तान हास्पिटल, मुम्बई के साइटोक्योर मेडिकेयर लिमिटेड, नई दिल्ली के नैशनल इंस्टीच्यूट आफ ट्यूबरकुलासिस एंड रेसपिरेटरी डिजीजेज, इंदौर के जीबीएल हास्पिटल, मुरादाबाद के अपेक्स हास्पिटल, दुबई के ऐस्टर डीएम हेल्थकेयर, डा. देवी शेट्टी फेम बैंगलूरु स्थित नारायणा हृदयालय, बैंगलुरु स्थित ऐस्टर सीएमआई हास्पिटल, बैंगलूरु स्थित अपोलो हास्पिटल, बरैली स्थित श्रीराम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट आप मेडिकल साइंसेज, मुम्बई स्थित कानवेस्ट एंड मंजूला एस बदानी जैन हास्पिटल आदि में मंत्रा सर्जरी के क्षेत्र में मील के नए पत्थर गढ़ने की दिशा में अग्रसर है। गुरुग्राम स्थित कंपनी के वर्कशाप में रात दिन मंत्रा सर्जिकल रोबोट की रचना हो रही है।
मंत्र के प्रभाव की तरह ही मंत्रा सर्जिकल रोबोट का विस्तार इतनी तेजी से हुआ जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। एक साल पहले यह जो मंत्रा सर्जिकल रोबोट इस क्षेत्र में वर्षों से एकाधिकार जमाए एक अमेरिकी सर्जिकल के सामने दुबका सा खड़ा दिख रहा था, अब सीना ताने खड़ा है। इस विदेशी सर्जिकल रोबोट की धनकुबेर अमेरिकी कंपनी अपने पैसे के बल पर हर जगह मंत्रा सर्जिकल रोबोट की राह में कांटे बिछा रहा था।
अमेरिका में नामचीन रोबोटित सर्जनों में एक डा. श्रीवास्तव को भी रोबोटिक सर्जरी को सस्ता करने के कीड़े ने काट खाया है। डा. श्रीवास्तव का सपना है कि हर छोटे बड़े शहर के अस्पतालों में मंत्रा सर्जिकल रोबोट पहुंचे और गांव व दूर दराज के लोगों को भी रोबोट से बेहतरीन सर्जरी का लाभ मिले।