नई दिल्ली। डायबिटीज और यूरिन इंफेक्शन समेत कई दवाओं को साल 2024 में प्रतिबंधित किया गया है। इस साल हेल्थ सेक्टर में कई बड़े बदलाव हुए है। ऐसी कई दवाओं पर बैन लगाया गया है जो सेहत के लिए लाभकारी नहीं है। सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा के चलते कुछ दवाओं को बाजार से हटा लिया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई ऐसी दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है जो आमतौर पर रोजाना इस्तेमाल की जाती हैं। इस साल बाजार से लगभग 156 दवाइयों को हटाया गया। इन दवाओं में दर्द की दवाओं के साथ डायबिटीज समेत कई दवाएं शामिल हैं।

इस साल जिन दवाओं पर बैन लगाया गया, उनमें ‘कंटेनिंग फेनेलफ्रीन’ का नाम शामिल है। यह दवा सामान्य रूप से सर्दी, खांसी और नजला में इस्तेमाल की जाती है। अगर इस दवा का ज्यादा प्रयोग किया जाता है इससे हार्ट संबंधी समस्याएं आ सकती है। कई रिसर्च में भी यह बात सामने आ चुकी है कि यह दवा ब्लड प्रेशर भी बढ़ा सकती है।
वहीं यूरिन इंफेक्शन वाली कई दवाओं को भी बाजार से हटाया गया है। बता दें कि ऑफलोक्सासिन और फ्लेवोजेट का मिश्रण यूरिन इंफेक्शन में किया जाता है। मगर अब यह दवाएं बाजार से गायब हो चुकी है। साथ ही पैरासिटामोल की हाई डोज वाली कुछ दवाओं को भी बाजार से हटा लिया गया है। 2024 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने पैरासिटामोल की कुछ हाई डोज वाली सेहत लिए खतरनाक दवाओं पर बैन लगा दिया। वहीं कुछ फीमेल इनफ़र्टिलिटी वाली दवाओं पर भी सरकार ने बैन लगाया है। यह दवा महिलाओं की इनफ़र्टिलिटी के लिए यूज की जाती थी, जो अब बाजार में उपलब्ध नहीं है। सरकार ने विटामिन-डी की बहुत ज्यादा खुराक वाली दवाओं को भी बाजार से हटा लिया। वहीं आंखों में इंफेक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाली कई दवाओं को भी बाजार से हटाया गया है। मिनरल्स और मल्टीविटामिन के कॉम्बिनेशन वाली कुछ दवाओं को भी बैन किया गया है। ‘सीफीटीन‘ और ‘कोलिस्टिन‘ जैसी एंटीबायोटिक्स पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इनके अलावा माइग्रेन की दवाइयों के साथ पेट दर्द, एसिडिटी और उल्टी में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाएं बाजार में बैन की गई है।