सीकर (राजस्थान) : शहर में इन दिनों नकली दवा कारोबार को एंटीबायोटिक के नाम चलाया जा रहा है। कुछ महीने पहले भी अलग-अलग प्रकार की नकली दवा पकड़ी जा चुकी है। देखने में आया कि उल्टी रोकने के काम आने वाली डोमपैराडॉन और पेट में गैस बनने से रोकने वाली पेंटाप्राजोल दवा के नाम से नकली दवा का धंधा हो रहा था। औषधि नियंत्रक विभाग ने दोनों दवाओं की जांच कराई तो फर्जीवाड़ा सामने आया। वहीं, डोमपैराडॉन और पेंटाप्राजोल दवा निर्माता कंपनियों ने अपने उत्पाद होने से मना कर दिया है। औषधि नियंत्रक विभाग ने दोनों दवाओं को नकली घोषित कर दिया है।

औषधि नियंत्रण अधिकारियों ने सैंपलिंग बढ़ाकर बाजार से नकली दवा कारोबार खत्म करने का दावा तो किया लेकिन उसमें कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी। विभाग की जांच में पिछले तीन माह के दौरान 21 प्रकार की दवाओं के सैंपल फेल हो गए। दवाओं में निर्धारित मात्रा से सॉल्ट की मात्रा कम मिली। इसलिए विभिन्न बैच नंबरों की दवा अवमानक घोषित की गई।

औषधि नियंत्रक विभाग ने मार्च के शुरुआत में शहर में छापेमारी की थी। लक्ष्मी मार्केट स्थित प्रतिष्ठानों पर छापा मारकर सैंपल लिए। शक के आधार पर दवाएं फ्रीज करवाई। जांच में जालरा, स्टेमेटिल, रेबीप्राजोल, टेन-40, मैटफोर्टिन और वेल्डाग्लाप्टिन टेबलेट के सैंपल फेल मिले। दवा में सॉल्ट की जगह पाउडर भरा मिला। सीकर के दवा व्यापारियों ने यह नकली दवा जयपुर और गंगानगर से मंगवाई थी। औषधि नियंत्रक विभाग ने नकली दवा बेचने वाली गंगानगर और जयपुर की फर्म पर कार्रवाई की। औषधि नियंत्रण अधिकारी मनोजगढ़वाल के मुताबिक, दवाओं को विभाग ने नकली घोषित किया था। गिरोह ने डोम पैराडॉन और पेंटाप्राजोल नाम देकर बाजार में पहुंचा दी। बाजार में नकली दवा रोकने के लिए विभाग ने सैंपलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए है।