नई दिल्ली: दवा व्यावसायिओं के ऑनलाइन दवा बिक्री एवं ई-पोर्टल के विरोध में अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भी कूद गया है। आईएमए ने 6 जून को पेन डाउन हड़ताल का अल्टीमेटम दे रखा है, तो वहीं दवा व्यावसायी भी दिल्ली पहुंचकर प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। सभी 10 से 12 बजे तक अपने संस्थान बंद रखकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जिस ई ड्रग पोर्टल को लागू करने पर आमादा है उससे दवा निर्माता, वितरक और खुदरा विके्रताओं को पंजीकरण कराने के साथ ही दवा बिक्री का पूरा लेखा-जोखा रोज रखना होगा। कोई भी रिटेलर मरीज को दवा देता है तो पहले डॉक्टर का परचा स्कैन कर अपलोड करना पड़ेगा, बिल बनाकर पोर्टल पर अपलोड करना होगा। उसके बाद फाइनल बिल यानी इनवॉयस पोर्टल द्वारा जारी करने के बाद ही वह मरीज को दवा दे पाएगा। इस बात को लेकर देशभर के कैमिस्टों में गुस्सा है। 30 मई को ऑल इंडिया ड्रगिस्ट एंड कैमिस्ट एसोसिएशन ने एक दिवसीय हड़ताल भी की थी। अब राजधाानी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी इस लड़ाई का समर्थन किया है। आईएमए के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. एचपी सर्राफ ने कहा कि नियम के विरोध में 6 जून को दिल्ली में धरना-प्रदर्शन होगा। इसमें कैमिस्ट भी जुटेंगे। जो लोग दिल्ली नहीं पहुंचेंगे वह अपनी शाखाओं में कलम बंद हड़ताल करेंगे। कल सुबह 10 से 12 बजे तक न मरीजों की जांच होगी और न दवाईयां दी जाएगी। आपातकालीन सेवाओं को छूट रहेगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जिस ई ड्रग पोर्टल को लागू करने पर आमादा है उससे दवा निर्माता, वितरक और खुदरा विके्रताओं को पंजीकरण कराने के साथ ही दवा बिक्री का पूरा लेखा-जोखा रोज रखना होगा। कोई भी रिटेलर मरीज को दवा देता है तो पहले डॉक्टर का परचा स्कैन कर अपलोड करना पड़ेगा, बिल बनाकर पोर्टल पर अपलोड करना होगा। उसके बाद फाइनल बिल यानी इनवॉयस पोर्टल द्वारा जारी करने के बाद ही वह मरीज को दवा दे पाएगा। इस बात को लेकर देशभर के कैमिस्टों में गुस्सा है। 30 मई को ऑल इंडिया ड्रगिस्ट एंड कैमिस्ट एसोसिएशन ने एक दिवसीय हड़ताल भी की थी। अब राजधाानी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी इस लड़ाई का समर्थन किया है। आईएमए के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. एचपी सर्राफ ने कहा कि नियम के विरोध में 6 जून को दिल्ली में धरना-प्रदर्शन होगा। इसमें कैमिस्ट भी जुटेंगे। जो लोग दिल्ली नहीं पहुंचेंगे वह अपनी शाखाओं में कलम बंद हड़ताल करेंगे। कल सुबह 10 से 12 बजे तक न मरीजों की जांच होगी और न दवाईयां दी जाएगी। आपातकालीन सेवाओं को छूट रहेगी।