नई दिल्ली। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (मोदीकेयर) के लिए करीब 6 हजार प्राइवेट अस्पतालों का एम्पैनलमेंट प्रोसेस शुरू हो चुका है। इनमें कुछ नामी-गिरामी अस्पताल भी शामिल हैं। इस योजना को शुरू करने के लिए गैर-भाजपा शासित राज्य भी राजी हो गए हैं। इस योजना का ऐलान 15 अगस्त को होगा, 2 अक्टूबर से योजना की शुरुआत होगी। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के सीईओ इंदू भूषण ने बताया कि गैर भाजपा शासित राज्य भी इस योजना में शामिल होने के लिए तैयार हो गए हैं।

इनमें पंजाब, दिल्ली, नागालैंड, मणिपुर जैसे राज्य भी शामिल हैं। वहीं, राजस्थान, केरल और महाराष्ट्र की आपत्तियां भी दूर कर दी गई हैं और संभवतया अगले कुछ दिनों में ये सभी राज्य एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन कर देंगे। इस योजना को लेकर महाराष्ट्र की आपत्ति थी कि उनके पास पहले से ही महात्मा ज्योतिबा फूले जन आरोग्य योजना है, जो 2.2 करोड़ परिवारों को कवर कर रही है, जबकि मोदीकेयर केवल 83 लाख परिवारों को ही कवर करेगी। साथ ही महाराष्ट्र ने इस योजना के चलते अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढऩे की बात कही थी। भूषण ने बताया कि महाराष्ट्र को दोनों योजनाओं को मर्ज करने के लिए बोल दिया गया है। साथ ही भुगतान की राशि पर 40-60 के फॉर्मूला की बात कही गई है।

राजस्थान और केरल ने भी अपनी-अपनी योजनाओं का हवाला देकर इस योजना में शामिल होने को लेकर अनिच्छा जाहिर की थी। राजस्थान में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 4.5 करोड़ लोगों को कैशलेस सुविधा मिल रही है, लेकिन इसका लाभ 27 लाख लोगों को ही मिल पाया। राजस्थान ने भामाशाह योजना में 370 करोड़ का प्रीमियम बीमा कंपनियों को दिया था। इसके एवज में बीमा कंपनियों को 500 करोड़ का भुगतान करना पड़ा था। इसके चलते राज्य सरकार ने प्रति कार्ड प्रीमियम की राशि बढ़ाकर 1200 रुपए के करीब कर दी है। वहीं, राजस्थान में बीमा सुविधा दे रही कंपनियों का अनुबंध अगले साल तक है। उनकी आपत्ति का निस्तारण कर दिया गया है। केरल सरकार की भी अपनी योजना है, जो 35 लाख परिवारों को कवर रही है जबकि मोदीकेयर में केवल 19 लाख परिवार ही कवर होंगे। भूषण ने बताया कि स्कीम के लागू होने तक देश के सभी 29 राज्य इस योजना का हिस्सा होंगे।