मुंबई। कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों के बीच एक राहत भरी खबर सामने आ रही है। अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन को शुरुआती परीक्षणों में पास पाया गया है। इस वैक्सीन को पहले और दूसरे चरण में हुए परीक्षण के नतीजों मेें कोविड-19 वायरस के खिलाफ मजबूत पाया गया है।
बता दें कि जॉनसन एंड जॉनसन की एडी26-सीओवी2-एस वैक्सीन अमेरिका में चौथी ऐसी वैक्सीन है जो नैदानिक परीक्षणों के अंतिम चरण में है। वैक्सीन ने प्रारंभिक अध्ययन में कोरोना वायरस के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बनाई है। शोधकर्ताओं के अनुसार अब तक के परीक्षण परिणामों के आधार पर कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं थे। अगले सभी ट्रायल ठीक रहे तो कंपनी का टीका 2021 तक लोगों के लिए उपलब्ध हो सकता है। कंपनी का भारत की बायो ई कंपनी के साथ भी निर्माण समझौता है। अध्ययन में लगभग 1,000 वयस्क शामिल हैं। अंतरिम विश्लेषण के लिए उपलब्ध डाटा के अनुसार, टीकाकरण के 29 दिन बाद कई सौ प्रतिभागियों में से 98 फीसदी में वैक्सीन ने वायरस को बेअसर करते हुए एंटीबॉडी का निर्माण किया। ये वायरस से कोशिकाओं की रक्षा करते हैं। हालांकि, 65 से अधिक उम्र के प्रतिभागियों में थकान और मांसपेशियों में दर्द के खिलाफ प्रतिक्रिया की दर 36 प्रतिशत थी, जो कि युवा प्रतिभागियों में देखी गई 64 प्रतिशत की तुलना में बहुत कम है। परिणाम दिखाते हैं कि बुजुर्गों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया युवाओं जितनी मजबूत नहीं हो सकती है। यानी यह वैक्सीन बुजुर्गों के मुकाबले युवाओं में ज्यादा प्रभावी है।