मुंबई। डायबिटीज की एक दवा को महिलाओं में वजन बढऩे से रोकने में कारगर पाया गया है। स्विट्जरलैंड के शोधकर्ताओं का कहना है कि डायबिटीज की दवा दुलग्लूटाइड (ट्रुलिसिटी) धूम्रपान छोडऩे के बाद महिलाओं का वजन बढऩे का खतरा कम कर सकती है।
महिलाओं को धूम्रपान छोडऩे के बाद वजन बढऩे की चिंता
शोधकर्ताओं के अनुसार यह दवा प्राकृतिक रूप से पेट में बनने वाले हार्मोन जीएलपी-1 के प्रभाव की नकल करती है। इससे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा और वजन बढऩे को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। धूम्रपान छोडऩे के बाद महिलाओं में वजन बढऩे की संभावना पुरुषों से पांच गुना ज्यादा होती है।
महिलाओं में धूम्रपान छोडऩे की असफलता की दर भी पुरुषों से ज्यादा होती है। दरअसल, महिलाएं धूम्रपान छोडऩे के बाद वजन बढऩे के खतरे को लेकर चिंतित रहती हैं। इस कारण वे दोबारा धूम्रपान करने लगती हैं।
लैंगिक अंतर नहीं हो पाया स्पष्ट
बेसल यूनिवर्सिटी अस्पताल के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग की फैबिएन बाउर के अनुसार दुलग्लूटाइड का इस्तेमाल उन रोगियों के लिए उपयोगी है, जिनमें धूम्रपान छोडऩे के बाद वजन बढऩे का खतरा ज्यादा होता है। जो वजन बढऩे के कारण धूम्रपान नहीं छोड़ पाते, उनके लिए भी ये सहायक है। पूर्व में, एक शोध में पाया गया था कि डुलग्लूटाइड धूम्रपान छोडऩे वालों में वजन बढऩे की समस्या को कम करती है। यह स्पष्ट नहीं था कि यह वजन कम करने का प्रभाव लैंगिक अंतर था या नहीं।
दोबारा विश्लेषण किया गया
शोधकर्ताओं ने दोबारा विश्लेषण किया। नए परीक्षण में 255 व्यस्क शामिल थे। इनमें से 155 महिलाएं थीं। उनकी औसत आयु 42 से 44 के बीच थी। उन्होंने 19 से 22 साल के बीच रोजाना औसतन 20 सिगरेट पी थीं।
डमी उपचार से किया परीक्षण
परीक्षण के प्रतिभागियों को बेतरतीब ढंग से या तो 1.5 मिलीग्राम/0.5 मिलीलीटर दुलग्लूटाइड के साप्ताहिक इंजेक्शन या 0.5 मिलीलीटर डमी उपचार दिए गए। वहीं, धूम्रपान छोडऩे की दवा भी दी गई। 12 हफ्तों के बाद, दुलग्लूटाइड लेने वाली महिलाओं का वजन लगभग 1-2 किलो कम हुआ। वहीं, डमी उपचार समूह की महिलाओं का वजन लगभग 2-2.5 किलो बढ़ गया। दुलग्लूटाइड लेने वाले पुरुषों ने भी लगभग आधा किलो वजन कम किया। डमी उपचार समूह के पुरुषों का वजन लगभग 2 किलो बढ़ गया।
शोधकर्ताओं ने कहा कि वजन पर दुलग्लूटाइड के सकारात्मक प्रभाव का धूम्रपान छोडऩे की अल्पकालिक दर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। धूम्रपान छोडऩे के बाद वजन बढऩे का खतरा समय के साथ बदल सकता है। यह अन्य कारकों निकोटीन या उम्र आदि पर भी निर्भर हो सकता है।