जींद। हरियाणा के जींद जिले में सरकारी एंबुलेंस के दुरुपयोग करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बतादें कि डिप्टी सिविल सर्जन की जांच में 3 कर्मचारी दोषी मिले है। दरअसल सरकारी एंबुलेंस के दुरुपयोग करने के मामले में रेफरल ट्रासंपोर्ट सेवा के 3 कर्मचारियों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। इन कर्मचारियों में एक एंबुलेंस चालक, ईएमटी व कंट्रोल रूम का ऑपरेटर शामिल है। सरकारी एंबुलेंस का दुरुपयोग करने के मामले की जांच कर रहे रेफरल ट्रांसपोर्ट डिप्टी सिविल सर्जन डाॅ. राजेश भोला की जांच में तीनों कर्मचारी दोषी पाए गए हैं। दरअसल सिविल सर्जन –  डाॅ. मंजीत सिंह ने बताया कि मैंने जांच रिपोर्ट को देखा नहीं है।

यदि इसमें किसी भी कर्मचारी की लापरवाही मिली तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। जांच के दौरान तीनों कर्मचारी एंबुलेंस के कई घंटों तक जिले में वापस न लौटने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस पर डिप्टी सिविल सर्जन ने सीएमओ को जांच रिपोर्ट सौंपकर तीनों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है। अब जल्द ही सिविल सर्जन मामले संबंधित कर्मचारियों पर कार्रवाई कर सकते हैं। तो वहीं रेफरल ट्रांसपोर्ट डिप्टी सिविल सर्जन – डाॅ. राजेश भोला ने बताया कि एंबुलेंस मामले की जांच कर मैंने रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंप दी है।

जांच में सामने आया है कि इसमें 3 कर्मचारियों की मिलीभगत है और करीब 11 घंटे बाद एंबुलेंस रोहतक से वाया गोहाना होकर जींद लौटी है। मामले के अनुसार 17 जनवरी दोपहर को 12 बजकर 45 मिनट पर सिविल अस्पताल से सरकारी एंबुलेंस एक रेफर मरीज को पीजीआई रोहतक लेकर गई थी। इसके बाद दोपहर को 2 बजकर 10 मिनट पर एंबुलेंस ने रेफर मरीज को पीजीआई रोहतक छोड़ दिया। नियमानुसार 2 घंटे के अंदर एंबुलेंस वापस सिविल अस्पताल आनी चाहिए थी लेकिन यह रात को 11 बजकर 10 मिनट पर वापस सिविल अस्पताल जींद लौटी।

निजी काम में प्रयोग की गई एंबुलेंस : रेफरल ट्रांसपोर्ट के डिप्टी सिविल सर्जन डाॅ. राजेश भोला ने जब इस मामले की जांच की तो सामने आया कि एंबुलेंस को निजी काम में प्रयोग किया गया। इतना ही नहीं जब जीपीएस सिस्टम को चेक किया गया तो एंबुलेंस की रोहतक से वापसी वाया गोहाना होकर जींद हुई। जो कि निर्धारित रूट नहीं है। डिप्टी सिविल सर्जन ने मामले में एंबुलेंस चालक से लेकर ईएमटी व कंट्रोल रूम के ऑपरेटर की मिलीभगत होना बताया है।