चंडीगढ़। पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन का एक शिष्टमंडल हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के एडिशनल चीफ सेक्रेट्री सतीश चंद्रा, आईएएस से चंडीगढ़ में मिला। इस दौरान पंजाब फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन राज खुल्लर भी मौजूद रहे। शिष्टमंडल ने एडिशनल चीफ सेक्रेट्री को ज्ञापन सौंपते हुए पंजाब सरकार के ‘मिशन तंदुरुस्त’ के तहत लाइसेंस शुदा दवा विक्रेताओं को पुलिस प्रशासन एवं औषधि विभाग द्वारा परेशान करने के बारे में अवगत कराया।
ज्ञापन के माध्यम से एसोसिएशन के महासचिव सुरिन्द्र दुग्गल ने पंजाब सूबे में हो रही नशों की तस्करी तथा अन्य दवाओं की बिक्री में पाई जा रही अनियमितताओं के पीछे ई-फार्मेसी को जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने कहा कि जब दुकानों पर दवाइयों की बिक्री फार्मासिस्ट की मौजूदगी में होनी जरूरी है, तब ई-फार्मेसी वाले दवाइयों की बिक्री डाक से भेजकर सीधे ड्रग एक्ट का उल्लंघन कर रहे हैं। ऑनलाइन फार्मेसी से पंजाब में कुछ अवैध नशों की बिक्री हो रही है।
ज्ञापन में मांग की गई कि सिरिंज की तरह ऑनलाइन फार्मेसी को भी बैन किया जाए। महासचिव दुग्गल ने एडिशनल चीफ सेके्रटरी को ‘मिशन तंदुरुस्त’ पंजाब के नाम पर पुलिस प्रशासन एवं औषधि विभाग द्वारा लाइसेंस शुदा दवा विक्रेताओं को परेशान करने की भी जानकारी दी। दुग्गल ने बताया कि यदि प्रदेश सरकार ने कैमिस्टों पर उक्त धक्केशाही बंद नहीं की तो दवा दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद कर सडक़ों पर उतरना पड़ सकता है।
उन्होंने मांग रखी कि जिन अस्पतालों को फार्मा कंपनियों से सीधे दवाइयां आ रही हैं और सरकारी अस्पतालों से जो दवाएं नशे के तौर पर इस्तेमाल हो रही है, उनकी जांच की जानी चाहिए। इसके साथ ही डी-एडिक्शन सेंटरों की भी जांच की जानी चाहिए। महासचिव ने कहा कि जो भी नशे का व्यापार और प्रतिबंधित दवाइयां बेचता है, वह उनकी एसोसिएशन का सदस्य नहीं है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन सरकार को हर कदम पर सहयोग करने के लिए तैयार है। इस पर एडिशनल चीफ सेके्रटरी सतीश चंद्रा ने शिष्टमंडल को विश्वास दिलाया कि जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा। इस मौके पर पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव सुरिन्द्र दुग्गल के अलावा कार्यकारिणी अध्यक्ष जीएस चावला, प्रिंस पाल, सुदर्शन चौधरी, नरेश जिंदल, राकेश अग्रवाल, रविंद्र भाटिया, हरमेश पुरी, जेएस चावला, सतीश कपूर, राजेश महाजन समेत अन्य सभी जिलों के प्रधान व सचिव मौजूद रहे।