नई दिल्ली। अपनी दवाओं का बढ़ा-चढ़ाकर प्रचार करने वाली कंपनियों को जल्द भारी जुर्माने और आपराधिक मुकदमों का सामना करना पड़ सकता है। इनमें खास तौर से ऐसी फार्मास्युटिकल्स कंपनियां शामिल हैं, जो अपनी दवाओं के जरिए यौनांग के आकार, स्तन के साइज या गोरेपन में सुधार का भ्रामक दावा करती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने मौजूदा कानूनों में बदलाव की सिफारिश करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। अधिकारी ने बताया कि फार्मास्युटिकल्स कंपनियां भ्रामक विज्ञापनों के जरिए अपनी दवाओं के प्रभाव और सुरक्षा को लेकर गलत जानकारी देती हैं, जिससे लोगों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों को भ्रामक विज्ञापन देने से रोकने के लिए उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने, शीर्ष मैनेजरों को जेल भेजने और ऐसी कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाने की सिफारिशें की जा सकती हैं।