नई दिल्ली। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेश ने अपनी नई रिपोर्ट में जो खुलासा किया है वो हर भारतवासी के होश उड़ा देगा। डब्ल्यूएचओ ने विकासशील देशों में बिकने वाली दवाओं को लेकर एक रिपोर्ट पेश की है। जिसके मुताबिक, भारत जैसे विकासशील देशों में जो दवाएं बेचीं जाती हैं। उनमें 10 में से एक दवा फर्जी है। अब आप जरा सोचकर देखिए, जो दवाई आप सेहत ठीक करने के लिए ले रहे है, वो नकली हो तो। ऐसे में आपकी सेहत पर इसका क्या असर पड़ेगा।
इस रिपोर्ट के बाहर आने के बाद ये साफ हो गया है कि लोग ऐसी दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिससे उनका बीमारी से बचाव और इलाज संभव नहीं है। ऐसे में न सिर्फ लोगों के पैसे से खिलवाड़ किया जा रहा है, बल्कि उनके जान पर भी गंभीर बीमारियों का संकट बना रहता है। डब्ल्यूएचओ ने माना कि ये फर्जी और खराब दर्जें की दवाओं से लोगों की सेहत पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट ने ये दिखा दिया है कि आज नकली और घटिया दवाओं का कारोबार कितना ज्यादा बढ़ गया है। जिसपर सभी को मिलकर ध्यान देने की जरूरत है। इन फर्जी दवाईयों का सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों पर पड़ता है, जिनकी संख्या देश में सबसे ज्यादा है। ऐसे में भारत के लिए ज्यादा परेशान करने वाली बात लगती है क्योंकि देश की ज्यादातर जनसंख्या फर्जी दवाई खा रही है।
दुनिया में फर्जी दवाई बढ़ने का कारण ग्लोबलाइजेशन को बताया गया है। डब्ल्यूएचओ की माने तो फर्जी दवाओं का उत्पादन कहीं ओर होता है और पैकेजिंग किसी दूसरे देश में। इसके बाद अलग-अलग देशों में इनका वितरण कर दिया जाता है। ऐसे में इसको रोकना मुश्किल हो गया है।