मुंबई। अमेरिकी औषधि नियामक यूएसएफडीए ने फाइजर के तमिलनाडु के श्रीपेरुम्बुदुर विनिर्माण संयंत्र को 11 ऑब्जर्वेशन जारी किए हैं। इसका संबंध फाइजर के हॉस्पिरा अधिग्रहण से है। इस संयंत्र में इंजेक्शन वाली दवाओं का उत्पादन होता है। यूएसएफडीए के ऑब्जर्वेशन में कहा गया है कि गुणवत्ता नियंत्रण इकाई से संबंधित दायित्वों और प्रक्रियाओं का पूरी तरह अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा उसमें प्रयोगशाला रिकॉर्ड से संबंधित पूरे आंकड़े का अभाव, विफलता से संबंधित लिखित रिकॉर्ड संबंधी मुद्दे आदि शामिल हैं। अमेरिकी औषधि नियामक ने 27 मार्च 2018 से 3 अप्रैल 2018 के बीच हॉस्पिरा हेल्थकेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के श्री पेरुम्बुदुर संयंत्र का निरीक्षण किया था। फाइजर कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे विनिर्माण संयंत्र में हालिया नियामकीय निरीक्षण के नतीजे से हमें निराशा हुई है। हमने एफडीए को अपना विस्तृत जवाब भेज दिया है। हम आवश्यक सुधारों को लागू करने और हमारी दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। फाइजर गुणवत्तायुक्त उत्पादों के लिए प्रतिबद्ध है और हमने भारत के अपने इरुंगट्टुकोट्टïल संयंत्र में उत्पादन स्वैछिक तौर पर रोक दिया है। आईकेकेटी संयंत्र में विनिर्मित दवाओं की बिक्री भारत में नहीं की जा रही है। गौरतलब है कि फाइजर ने फरवरी 2015 में 17 अरब रुपये के एक सौदे के तहत अमेरिकी कंपनी हॉस्पिरा का अधिग्रहण किया था जिसके बाद इस विनिर्माण संयंत्र पर फाइजर का नियंत्रण हो गया था। बताया गया है कि यूएसएफडीए ने इस संयंत्र को 2013 और 2015 में भी निरीक्षण के बाद ऑब्जर्वेशन जारी किया था। चेन्नई की ऑर्किड फार्मा ने इस संयंत्र की स्थापना की थी जो वहां ऐक्टिव इनग्रेडिएंट्ïस एवं फॉर्मूलेशंस दवाओं खासकर एपीआई सेफालोस्प्रोरिन और इंजेक्शन वाली दवाओं का विनिर्माण करती थी। बाद में हॉस्पिरा ने दो सौदे के जरिये उसके विभिन्न कारोबार का अधिग्रहण कर लिया।