नई दिल्ली। केंद्र सरकार इस बार बजट में फार्मा सेक्टर के लिए पैकेज की घोषणा हो सकती है। देश में मेडिकल डिवाइसेज में रिसर्च एंड डेवलपमेंट और नई दवाओं की खोज को प्रोत्साहित करने के लिए पैकेज पर काम किया जा रहा है। बजट में फार्मा सेक्टर के लिए स्पेशल इन्सेंटिव पैकेज पेश किया जा सकता है। फार्मा सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलेपमेंट के लिए मौजूदा टैक्स छूट की सीमा एक बार फिर बढक़र 200 फीसदी हो सकती है। घरेलू यूनिट्स को इस साल तक 150 फीसदी टैक्स की छूट मिल रही है। अगले साल से टैक्स राहत 100 फीसदी पर सीमित हो जाएगी। सरकार का लक्ष्य विदेशी निवेशकों के लिए इज ऑफ डूइंग बढ़ाना है। इसके लिए फार्मा ब्यूरो के तहत सिंगल प्वाइंट इंटरफेस पर विचार किया जा रहा है। बता दें कि विदेशी निवेश में 74 फीसदी की गिरावट आई है जिसको लेकर सरकार परेशान है। फार्मा सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में बल्क मैन्युफैक्चरिंग पर कच्चे माल पर इंसेंटिव भी संभव है।
फार्मा डिपार्टमेंट जीएसटी काउंसिल की तरह रिसर्च काउंसिल बनाने पर काम कर रही है। विज्ञान एवं टेक विभाग, बायोटेक, हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर अधिकारी रिसर्च काउंसिल के हिस्सा होंगे। रिसर्च काउंसिल मेडिकल डिवाइसेज एंड ड्रग्स रिसर्च को को-ऑर्डिनेट करने में मदद करेगी। इसके अलावा, मेडिकल डिवाइस और बल्क ड्रग्स के निर्माण के लिए 5 से 6 पार्क बनाए जा सकते हैं।