शिमला। पिछले काफी वक्त से हिमाचल प्रदेश का दवा उद्योग गलत कारणों की वजह से चर्चा में बना हुआ है। लगातार हिमाचल प्रदेश में बनी दवाईयों के सैंपल फेल हो रहे है, जिस कारण अब यहां के दवा उद्योग की मुसीबत एक बार फिर बढ़ गई है। नई जानकारी के अनुसार, प्रदेश की 14 दवाओं के सैंपल फिर फेल हो गए हैं।
केन्द्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सी.डी.एस.सी.ओ.) ने फरवरी माह का ड्रग अलर्ट जारी किया है। देश में कुल 39 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, जिसमें 14 दवाओं का उत्पादन हिमाचल में हुआ है। यहां बन रही दवाओं के बार-बार सैंपल फेल होने से राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की छवि को नुकसान हो रहा है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने भी इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए ऐसे उद्योगों को ब्लैकलिस्ट करने चेतावनी दी थी लेकिन इसके बावजूद दवाओं की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ है।
बताया जा रहा है कि प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बी.बी.एन. में 9, पावंटा साहिब व परवाणु की 2-2 तथा कालाअम्ब में बन रही एक दवा के सैंपल फेल हुआ हैं। वहीं राज्य दवा नियंत्रक बद्दी नवनीत मारवाह ने बताया कि सी.डी.एस.ओ. द्वारा जारी किए गए ड्रग अल्र्ट में प्रदेश की जिन 14 दवाओं के सैंपल फेल हुए उनमें 3 दवाएं एक ही कंपनी की हैं। इसके अलावा 2 उद्योगों के 2-2 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। कहा जा रहा है कि इन दवा कंपनियों पर अब कार्रवाई भी हो सकती है।