आगरा। उत्तर प्रदेश के मशहूर शहर आगरा से मेडिकल स्टोर चलाने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है। आगरा महानगर कैमिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले न्यू शाहगंज स्थित श्रीकृष्ण गौशाला में दवा व्यापारियों की समस्याओं के निदान के लिए विशाल संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान 600 से अधिक थोक व फुटकर दवा व्यापारियों को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया कैमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय मेहरोत्रा ने कहा कि सरकार के साथ हम सबकी भी ये कोशिश है कि दवाएं अनट्रेंड हाथों से नहीं बिकनी चाहिए। इस क्रम में कौशल विकास मिशन के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए असिस्टेंट फार्मासिस्ट कोर्स दवा व्यापारियों के लिए फार्मासिस्ट का सही विकल्प हो सकता है।
उन ने बताया कि चार माह की अवधि के इस कोर्स में डिप्लोमा फार्मेसी वाले ही सारे विषय दवा व्यापारी को पढ़ाए जाते हैं। कानपुर में 120 दवा व्यापारी यह कोर्स कर चुके हैं। संगठन द्वारा प्रदेश भर में जागरूकता का कार्य किया जा रहा है। जब प्रदेश के अधिकांश दवा व्यापारी यह कोर्स कर लेंगे तब पढ़ाई व अनुभव के आधार पर सरकार से संगठन द्वारा इनको बिजनेस फार्मासिस्ट की मान्यता प्रदान कर, बिना अलग से कोई फार्मासिस्ट रखे व्यापार चलाने देने की मांग की जाएगी।
उप्र एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व आगरा एसोसिएशन के संस्थापक गिरधारी लाल भगत्यानी ने एक्सपायरी ब्रेकेज की समस्या पर कहा कि दवा कंपनियों द्वारा एक्सपायर्ड दवाओं की वापसी हेतु कोई समय सीमा नहीं होनी चाहिए। संगठन इसका पुरजोर विरोध करता है। उन्होंने कहा कि एक्सपायर्ड दवाएं कंपनी वापस नहीं लेंगी इनका निस्तारण कैसे होगा। अगर दवा विक्रेता इन एक्सपायर्ड दवाओं को खेत, जल, सडक कहीं भी फेंकते हैं तो यह जन-जीवन के लिए घातक होगा। अब देखने वाली बात होगी इस चार माह के कोर्स से मेडिकल स्टोर चलाने वालों को कितना फायदा होता है।