नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने पांच दिनों के अमेरिका प्रवास के दौरान बाइडन प्रशासन के आला अधिकारियों से जो बात की है, उसका असर जल्द दिखने के आसार हैं। अमेरिका की तरफ से भारत को वैक्सीन निर्माण में मदद करने का अगले कुछ दिनों या हफ्तों में एलान किए जाने की संभावना है। जयशंकर की अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, रक्षा मंत्री लायड आस्टिन और व्यापार मंत्री (यूएसटीआर) कैथरीन ताई, एनएसए जैक सुलिवन के साथ अलग- अलग द्विपक्षीय बातचीत हुई और इन सभी में कोरोना के खिलाफ सहयोग एक बड़ा मुद्दा रहा।

जयशंकर की यात्रा के दौरान वैक्सीन आपूर्ति व निर्माण के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा

अमेरिकी दौरे के अंत में जयशंकर ने भारतीय मीडिया को बताया कि कोरोना को लेकर कई मोर्चो पर दोनों देशों के बीच सहयोग की राह खुलेगी। अमेरिकी पक्षकारों ने भी स्पष्ट किया कि कोरोना से त्रस्त भारत को मदद करने के लिए उनकी तरफ से आगे भी कोशिश जारी रहेगी। अमेरिका से अभी तक भारत को 500 करोड़ डालर की मदद मिली है। जयशंकर ने कहा, कोशिश है कि अमेरिका की मदद से भारत में वैक्सीन निर्माण का काम तेज किया जाए। वैक्सीन निर्माण को लेकर अमेरिका से भारत की एक तो सीधे तौर पर बात हो रही है और दूसरा क्वाड के तहत निर्माण को लेकर भी अलग से बात हो रही है।

जयशंकर ने इसे अपनी द्विपक्षीय वार्ताओं का सबसे महत्वपूर्ण विषय करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक वैक्सीन निर्माण बढ़ाने का सवाल है तो यह अमेरिका से जुड़ा हुआ है। इसको उन्होंने स्पष्ट तो नहीं किया, लेकिन संभवत: उनका इशारा अमेरिका से कच्चे माल की आपूर्ति को लेकर है।

जयशंकर ने सप्लाई चेन का खास तौर पर जिक्र किया और कहा कि पिछले दो-तीन हफ्तों में हालात सुधरे हैं। राष्ट्रपति बाइडन ने भी कहा है कि वह और आपूर्ति करने के इच्छुक हैं। संभवत: अगले कुछ दिनों में अमेरिका की तरफ से इस बारे में घोषणा की जाएगी।

जयशंकर से वार्ता के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में भारत के हालात को लेकर काफी संवेदना जताई गई और दोनों देशों के बीच चल रहे सहयोग का भी जिक्र किया गया। आगे भी मदद बढ़ाने का आश्वासन दिया गया, लेकिन स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा गया कि अमेरिका भविष्य में और कितनी वैक्सीन भारत को देगा।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक भारत को पूर्व में दो करोड़ वैक्सीन बनाने के लिए जो कच्चा माल देने का एलान किया गया है, वह अमेरिका ने अपनी खपत के लिए रखा था। अमेरिका ने क्वाड के तहत वैक्सीन निर्माण को लेकर चल रही तैयारियों का भी जिक्र किया। यह बताया गया कि क्वाड के तहत भारत की कंपनी बायोलोजिकल-ई को जो मदद देने का फैसला किया गया है उसको लेकर सारी तैयारियां चल रही हैं। लेकिन इस व्यवस्था के तहत 2022 के दौरान ही वैक्सीन निर्माण शुरू हो सकेगा।