नई दिल्ली। वेट कंट्रोल करने वाली एक और दवा को परमिशन मिल गई है। पश्चिमी देशों में इसके लिए ओजेंपिक या वीगोभी नाम की दवा आई है। इसमें सेमाग्लूटाइट कंपोजिशन होता है। अब ब्रिटेन में एक नई दवा को इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई है। इसका नाम माउनजारो रखा गया है। इसमें टिरजेपेटाइन कंपोजिशन है।

शरीर को खोखला कर देता है मोटापा 

गौरतलब है कि मोटापा एक ऐसा रोग है जो धीरे-धीरे शरीर को खोखला कर देता है। मोटापे के कारण हार्ट और किडनी को सबसे ज्यादा दिक्कत आती है। लिवर भी कमजोर होने लगता है। डायबिटीज की एक मुख्य वजह भी मोटापा है। इस मोटापे पर काबू पाने के लिए वैज्ञानिक सालों से प्रयास में जुटे हैं।

दवा का ट्रायल पूरा

ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस यानी नाइस ने माउनजारो को मंजूरी दी है और कहा है कि जिन लोगों का बीएमआई 35 से ज्यादा है, वे माउनजारो का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दवा का हाल ही में ट्रायल पूरा किया गया है। इसके तीन महीने बाद दवा को इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई है। बता दें कि मोटापे के कारण मुख्य रूप से हार्ट डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज और स्लीफ एपनिया की बीमारी होती है।

वीगोभी से ज्यादा असरदार

नाइस ने कहा है कि क्लिनिकल ट्रायल में टिरजेपेटाइड का जबरदस्त असर देखा गया है। अगर इस दवा के साथ हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज का सहारा लिया जाय तो वजन पर बहुत जल्दी नियंत्रण होने लगता है। सेमाग्लूटाइड के मुकाबले यह कहीं ज्यादा असरदार है।

सेमाग्लूटाइड कंपोजीशन वाली दवा वीगोभी और ओजेंपिक है जो अमेरिका में मिल रही है। इसके कई अन्य फायदे भी बताए गए हैं। वीगोभी को नोवो नोर्डिस्क कंपनी बना रही है जबकि माइनजारो को इली लिली कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है।

माउनजारो को इस्तेमाल करना आसान

विशेषज्ञों के अनुसार माउनजारो को मरीज आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। यह वीगोभी से कहीं ज्यादा लोगों को दिए जाएंगे। गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि माउनजारो को मरीज तब तक ले सकता है जब तक इसकी जरूरत हो, जबकि वीगोभी को ज्यादा दिनों तक लेने की मनाही है क्योकि इसके साइड इफेक्ट्स ज्यादा हैं। नाइस ने यह भी कहा है कि कोई भी व्यक्ति इस दवा का दो साल तक लगातार इस्तेमाल कर सकता है।