ग्वालियर। जयारोग्य अस्पताल में सनफार्मा कंपनी का आक्सीजन प्लांट एक बार फिर ट्रायल में फेल हो गया। गाैरतलब है कि सनफार्मा ने आक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए मई माह में प्लांट लगाने का निर्णय लिया और लगाकर तैयार भी कर दिया, लेकिन जब इसका ट्रायल लिया गया तो प्रेशर कम होने से ट्रायल में फेल कर दिया। तब निर्णय लिया गया कि अमेरिका से डिवाइस मंगवाकर प्रेशर बढ़ाया जाएगा। जेएएच के प्रबंधक डा अनिल मेवाफरोश का कहना है कि डिवाइस भी आ चुकी पर प्रेशर नहीं बढ़ सका।

जेएएच में ट्रामा के बाहर यूपीआइ का व न्यूरोलाजी के बाहर पेटीएम का प्लांट लगकर तैयार है। इन दोनों का ट्रायल भी हो चुका है। ट्रामा के बाहर लगा प्लांट ट्रायल में सफल हुआ, पर न्यूरोलाजी के बाहर लगे प्लांट में कुछ लीकेज बताए गए हैं। इन्हें दूर करने का काम किया जा रहा है। वहीं बड़ी समस्या प्लांट संचालन करने वाले कर्मचारियों की कमी होना है।

प्लांट से आक्सीजन का प्रेशर बढ़ाने के लिए अमेरिका से डिवाइस मंगवाई गई थी। तीन माह में आई इस डिवाइस को जब इंजीनियरों ने प्लांट में लगाकर प्रेशर का पता लगाया तो वह दशमलव में दो प्वाइंट बढ़ा। साथ ही समस्या यह आ गई कि आक्सीजन की शुद्धता में तीन फीसद कमी आ गई। पहले हवा से आक्सीजन तैयार करने पर उसकी शुद्धता 93 फीसद थी। डिवाइस लगाने के बाद इसकी शुद्धता 90 फीसद पाई गई।

अमेरिका से डिवाइस आने के बाद भी सनफार्मा का प्लांट ठीक से काम नहीं कर रहा है। इसे जल्द ठीक कराने के लिए पत्र लिखा गया है। ट्रामा व न्यूरोलाजी के बाहर लगे आक्सीजन प्लांट तैयार हैं। इन प्लांट को चालू बंद करने के लिए कर्मचारियों की कमी है, जिसकी पूर्ति के लिए प्रबंधन को कहा गया है।
डा. अशीष माथुर, नोडल अधिकारी आक्सीजन, जेएएच