Pharma Company License Cancel: केंद्र सरकार की ओर से देश की फार्मा कंपनियों पर बड़ा फैसला लिया गया है। खराब और नकली क्वालिटी की दवाईयों के निर्माण के लिए देश की 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द (Pharma Company License Cancel) कर दिया गया है।
20 राज्यों में फार्मा कंपनियों पर कार्रवाही (Pharma Company License Cancel)
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कई दवा कंपनियों का निरीक्षण किया था। केंद्र और राज्य की टीमों ने मिलकर 20 राज्यों की 76 दवा कंपनियों में अचौक निरीक्षण किया था। उसके बाद ये कार्रवाही की गई। शिकायतें आ रही थी कि नकली दवाओं का कारोबार पूरे देश में बढ़ रहा था। इसके खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार की टीमों ने कार्रवाई की। दोनों टीमें तकरीबन 15 दिनों से कंपनियों के खिलाफ अभियान चला रही हैं।
इस दौरान हिमाचल प्रदेश में 70, उत्तराखंड में 45 और मध्य प्रदेश में 23 कंपनियों पर कार्रवाई की गई है। कई देशों से भारतीय दवाओं से होने वाली मौतों और बीमारियों की खबरों के बीच ये छापे मारे गए हैं।
26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी
केंद्र सरकार और राज्य सरकार की टीमें मिलकर बीते 15 दिनों से कंपनियों के खिलाफ अभियान चला रही है। 26 फार्मा कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। अधिकतर कंपनियां हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से संचालित होती हैं। उत्तराखंड की 45, हिमाचल प्रदेश में 70 और मध्य प्रदेश में 23 कंपनियों पर कार्रवाई की गई है। बीते महीने, गुजरात स्थित फार्मा कंपनी जायडस लाइफसाइंसेज ने अमेरिकी बाजार से गाउट के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जेनेरिक दवा की 55,000 से अधिक बोतलें वापस मंगवाई थीं। दवा की अशुद्धता विनिर्देशों में विफल रही थी।
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गौरतलब है कि नोएडा में एक फार्मास्युटिकल फर्म के तीन कर्मचारियों को बीते साल उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर खांसी की दवाई के कारण 18 बच्चों की मौत के बाद गिरफ्तार किया गया था। उन पर मिलावटी दवा बनाने और बेचने का आरोप था। वहीं बीते फरवरी के महीने में ही चेन्नई स्थित एक दवा कंपनी ने आई ड्रॉप की खेप को वापस मंगाया था।