नई दिल्ली। जांच में 2,988 दवाइयां फेल पाई गई हैं। इन दवाओं के सैंपल वर्ष 2023-2024 के बीच लिए गए थे। बताया गया है कि कुल 1,06,150 दवा सैंपल में से 2,988 को स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं पाया गया। इस जांच में 282 दवाइयां नकली मिली हैं। नकली दवाओं के निर्माण, बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 604 मामलों में केस दर्ज किया गया है।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के अनुसार देश में करीब 10,500 यूनिट्स हैं। ये विभिन्न प्रकार के खुराक रूपों और एपीआई का निर्माण करती हैं। सरकार नकली और घटिया दवाओं के खिलाफ राज्यों में दवा कंपनियों पर छापेमारी कर रही है और नियमन का उल्लंघन मिलने पर नोटिस भी दिए जा रहे हैं।

बताया गया कि अब तक 500 से ज्यादा कैम्पस में जोखिम-आधारित निरीक्षण किए गए हैं। इनके आधार पर राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरणों ने कारण बताओ नोटिस भी सौंपे हैं। साथ ही उत्पादन रोकने के आदेश, निलंबन, लाइसेंस या प्रोडक्ट लाइसेंस कैंसिल करने जैसी कार्रवाई की गई है। सन फार्मा, टोरेंट फार्मा, एल्केम लैबोरेटरीज और ग्लेनमार्क सहित विभिन्न दवा कंपनियों ने केंद्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण की रिपोर्ट में चिह्नित दवाओं को नकली बताया था। इनका कहना था कि इन दवाओं को उन्होंने नहीं बनाया।