नई दिल्ली। देश की प्रमुख फार्मा कंपनी सन फार्मास्युटिकल्स इंडस्ट्रीज ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए पौधे से बनने वाली दवा का परीक्षण शुरू कर दिया है। पौधे से पैदा दवा एक्यूसीएच के असर का पता लगाने के लिए दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के नतीजे अक्टूबर तक सामने आ सकते हैं। गौरतलब है कि पौधे पर आधारित दवा सीसमपेलोस परैरा (सीपा) सभी चार डेंगू वायरस के खिलाफ एक कुदरती औधषि है। सन फार्मा के अनुसार कोरोना वायरस और डेंगू वायरस इंसानी शरीर के अंदर एक जैसा व्यवहार करते हैं। हमें औषधि महानियंत्रक ने अप्रैल में पौधे से मिलने वाले औषधीय गुण वाले पदार्थ से बनी दवा के परीक्षण की अनुमति दी थी। क्लीनिकल परीक्षण देश के 12 केंद्रों पर 210 मरीजों पर किया जाएगा। इसमें इलाज अवधि 10 दिन होगी। एक्यूसीएच का मानव पर सुरक्षा अध्ययन पूरा हो चुका है। यह औषधि दूसरे चरण के परीक्षण के लिए सुरक्षित मिली है।
कंपनी के अनुसार एक्यूसीएच का विकास डेंगू के इलाज के किया जा रहा है। इसमें नियंत्रित वातावरण में जीवों पर किए अध्ययन के दौरान विषाणु निरोधक प्रभाव मिले हैं। इसलिए कोरोना संक्रमण के इलाज के विकल्प के रूप में इसका परीक्षण किया जा रहा है। कंपनी चार साल से बायोटेक्नोलॉजी विभाग के इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी (डीबीटी-आईसीजीईबी) और वैज्ञानिक के साथ औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के सहयोग से डेंगू के इलाज के लिए फाइटोकैमिकल पर आधारित दवा विकसित कर रही है।