जयपुर। राजस्थान फार्मेसी काउंसिल में 55 हजार पंजीकृत फार्मासिस्टों के पहचान पत्र बनाने का निर्णय लिया है, ताकि उन्हें पहचान मिल सके। आईडेंटिटी कार्ड में रजिस्ट्रेशन नंबर, नाम, पता, मोबाइल नंबर अंकित होगा। इससे ड्रग विभाग की ओर से निरीक्षण के दौरान किसी भी ड्रग स्टोर पर पंजीकृत फार्मासिस्ट के बारें में इधर-उधर भटकने की जरुरत नहीं पड़ेगी और वे किसी तरह की आपात स्थिति में सेवा दे सकेंगे। इसके अलावा फार्मेसी का अध्ययन करने वाले, बेरोजगार को रोजगार दिलाने और हरेक तरह से अपडेट के हिसाब से हर माह न्यूज ‘एटूजेड बुलेटिन’ निकालेगा। इसमें नई दवा, नई रिसर्च, रोजगार, मान्यता प्राप्त संस्थान, पीसीआई के दिशा-निर्देश, काउंसिल की प्रगति रिपोर्ट और नई-नई योजनाओं की जानकारी प्रकाशित की जाएगी। साथ ही एक्सीडेंटल पॉलिसी बनाने पर भी विचार कर रहा है। बीमा कंपनी से वार्ता जारी है। यह निर्णय हाल ही में आयोजित काउंसिल के सदस्यों की मीटिंग में लिया गया। बैठक में पंजीकृत फार्मासिस्टों का सामूहिक दुर्घटना बीमा करवाना, ड्रग इंफोर्मेशन सेन्टर खोलना और पंजीकरण की प्रक्रिया सरलीकरण करवाने की योजना प्रस्तावित है। राजस्थान फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. ईश मुंजाल का कहना है कि फार्मासिस्टों के शैक्षणिक स्तर में सुधार, हरेक तरह से अपडेट रहने तथा समाज में रहकर क्वालिटी से युक्त सेवा देने के लिए काउंसिल की अनेक योजना प्रस्तावित है। जल्द ही लागू की जाएगी। जिससे आमजन को भी फायदा मिलेगा।