नई दिल्ली। देश में कोरोना और टीकाकरण की स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में एम्स के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हमने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में देखा कि बच्चों में संक्रमण बहुत कम देखा गया है। इसलिए अब तक ऐसा नहीं लगता है कि आगे जाकर कोविड की तीसरी लहर में बच्चों में कोविड संक्रमण देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कम इम्यूनिटी वाले लोग म्यूकोर्मिकोसिस, कैंडिडा और एस्पोरोजेनस संक्रमण से संक्रमित होते हैं। ये फंगस मुख्य रूप से साइनस, नाक, आंखों के आसपास की हड्डी में पाए जाते हैं और मस्तिष्क में प्रवेश कर सकते हैं। कभी कभी फेफड़ों में (पलमोनरी ब्लैक फंगस) या जठरांत्र संबंधी मार्ग में पाया जाता है। फंगस का रंग अलग-अलग क्षेत्रों में विकसित होने पर अलग-अलग देखा जा सकता है। फंगल इंफेक्शन एक संचारी रोग नहीं है।
उन्होंने कहा कि कोविड में क्रोनिक फैटिग सिंड्रोम देखा जाता है, जिसके लिए सिंफोमैटिक इलाज की आवश्यकता होती है। सोशल मीडिया पर आम तौर पर ‘ब्रेन फॉग’ के रूप में जाना जाने वाला एक और लक्षण है, जिसे कोविड में देखा गया है जो एकाग्रता में कठिनाई पाते हैं और अनिद्रा और अवसाद से पीड़ित होते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लक्षण हैं जो कोविड के बाद देखे जाते हैं। यदि लक्षण 4-12 सप्ताह तक देखे जाते हैं, तो इसे चल रहे सिंफोमैटिक कोविड या पोस्ट एक्यूट कोविड सिंड्रोम कहा जाता है। यदि लक्षण 12 सप्ताह से अधिक समय तक दिखाई देते हैं, तो इसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम कहा जाता है। डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि ऐसा कोई डेटा नहीं है जो यह दर्शाता हो कि वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है। हमारे पास केवल यह दिखाने वाला डेटा है कि वायरस मनुष्यों से जानवरों में फैलता है जैसा कि पहली लहर के दौरान न्यूयॉर्क के एक चिड़ियाघर में देखा गया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटे में देश में कोविड के 2,22,000 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। 40 दिन के बाद यह अब तक के सबसे कम मामले दर्ज़ किए गए हैं। ज़िला स्तर पर भी कोरोना के मामलों में कमी आ रही है। 3 मई तक रिकवरी दर 81.7% थी अब यह बढ़कर 88.7% हो गई है। पिछले 22 दिनों से देश में सक्रिय मामलों की संख्या में कमी देखी जा रही है। 3 मई के समय देश में 17.13% सक्रिय मामलों की संख्या थी अब यह घटकर 10.17% रह गई है। पिछले 2 हफ्तों में सक्रिय मामलों की संख्या में करीब 10 लाख की कमी देखी गई है।