Cervavac Vaccine: भारत में अधिकांश महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही हैं। लेकिन अब भारत को इस गंभीर बीमारी से लड़ने की वैक्सीन मिल गई है। सर्वाइकल कैंसर की पहली स्वदेशी वैक्सीन लॉन्च हो गई है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने हाल ही में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए देश में निर्मित पहली ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन ‘सर्वावैक’ लांच करने की घोषणा की।
राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर 24 जनवरी को सर्वाइकल कैंसर से लड़ने के लिए देश में निर्मित पहली ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूनावाला और सीरम इंस्टीट्यूट में सरकार व नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश के. सिंह की उपस्थिति में लांच किया। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने ट्वीट कर जानकारी दी कि राष्ट्रीय बालिका दिवस और सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर इस वैक्सीन को लांच करने पर उन्हें प्रसन्नता हो रही है। ‘सर्वावैक’ बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ जैव प्रौद्योगिकी विभाग और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआइआरएसी) की साझेदारी का परिणाम है, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अपने साझेदारी कार्यक्रम ‘ग्रैंड चैलेंजेज इंडिया’ के माध्यम से क्वार्डीवैलेंट वैक्सीन के स्वदेशी विकास के लिए सहायता दी गई है।
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इस वैक्सीन को 9 से 14 उम्र की बच्चियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत यह वैक्सीन दी जा सकती है। गौरतलब है कि हर साल देश में सर्वाइकल कैंसर के तकरीबन 80 हजार मामले सामने आते हैं। भारत में कैंसर से होने वाली मौतों में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं की मौत के लिए दूसरे नंबर पर जिम्मेदार है। पहले नंबर पर कैंसर है। लेकिन अब राहत की बात है कि इस टीकाकरण के जरिए सर्वाइकल कैंसर से पूरी तरह से रोकथाम हो सकेगी। सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस की वजह से होता है और उपलब्ध वैक्सीन से इसकी रोकथाम की जा सकती है। डा. अरोड़ा का कहना था कि केंद्र सरकार अपने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नौ से 14 वर्ष की लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन लगाएगी।