लंदन। कोविशील्ड के साइड इफेक्ट सामने आने लगे हैं। इस वैक्सीन के खिलाफ खून का थक्का जमने और प्लेटलेट काउंट कम होने की कई शिकायतें मिली हंै। इसके चलते ब्रिटेन की प्रमुख फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने इसे बाजार से वापस मंगाना शुरू कर दिया है।
वैक्सीन वैक्सजेवरिया के विरुद्ध शिकायतें दर्ज
गौरतलब है कि कोविड महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका ने दुनियाभर में वैक्सीन उपलब्ध कराई थी। इसकी वैक्सीन वैक्सजेवरिया के विरुद्ध शिकायतें दर्ज हुई हैं। उधर, कंपनी का कहना है कि अब टीके का नया संस्करण उपलब्ध है, इसलिए पुराने स्टाक को मंगाना शुरू किया है।
बता दें कि एस्ट्राजेनेका के सहयोग से ही भारत में सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने कोविशील्ड टीका उपलब्ध कराया था। एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोविड-19 वैक्सीन विकसित की थी और इसे यूरोप में वैक्सजेवरिया तथा भारत में कोविशील्ड के नाम से उपलब्ध कराया था।
उधर, यूरोपीय संघ (ईयू) के दवा नियामक यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने पुष्टि की है कि वैक्सजेवरिया अब 27-सदस्यीय आर्थिक ब्लॉक में उपयोग के लिए अधिकृत नहीं है।
कंपनी का कहना है कि मार्च में ही वैक्सीन को वापस मंगाने का निर्णय ले लिया था। मार्केटिंग अथॉरिटी वैक्सजेवरिया की वापसी के लिए दुनिया भर के नियामक अधिकारियों के साथ काम कर रहा है।
दुर्लभ मामलों में दुष्प्रभाव किया था स्वीकार
एस्ट्राजेनेका ने कुछ समय पहले ही कोर्ट में स्वीकार किया था कि उसके कोविड-19 टीके दुर्लभ मामलों में दुष्प्रभाव पैदा कर सकते हैं, जिसे थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) कहा जाता है। भारत में कोविड-19 टीकों की 2.20 अरब से अधिक खुराकें दी गई हैं और उनमें से अधिकांश कोविशील्ड थीं। कोविशील्ड के दुष्प्रभाव को लेकर भी कुछ लोगों ने शिकायतें की थीं। एस्ट्राजेनेका के दुष्प्रभाव को लेकर ब्रिटिश कोर्ट में कई केस चल रहे हैं।
दिसंबर 2021 में ही सप्लाई कर दी थी बंद
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) का कहना है कि उसने दिसंबर 2021 में कोविशील्ड की अतिरिक्त खुराक का निर्माण और सप्लाई बंद कर दी थी। भारत में कोविशील्ड और यूरोप में वैक्सजेवरिया के नाम से बेची जाने वाली अपनी कोविड वैक्सीन को मंजूरी दी गई है।