सागर (मप्र)। दवा से ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव हो सकेगा। इससे मरीज को कीमोथैरेपी का दर्द नहीं सहना पड़ेगा। यह कारनामा डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के फार्मेसी विभाग की छात्रा डॉ. साक्षी ने कर दिखाया है। खास बात ये है कि इससे कैंसर के कीमोथैरिपी जैसे इलाज के साइड इफैक्ट नहीं होंगे। उनकी दवा सीधे बीमार कोशिकाओं पर काम करेगी और स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान नहीं पहुंचाएगी।

डॉ. साक्षी को स्तन कैंसर के इलाज के लिए टारगेटेड ड्रग डिलेवरी का पेंटेट हासिल हुआ है। मध्यप्रदेश सरकार ने डॉ. साक्षी को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से नवाजा है।

बता दें कि डॉ. साक्षी अहमदाबार स्थित राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा अनुसंधान संस्थान में रिसर्च एसोसिएट के तौर पर काम कर रही है। डॉ. साक्षी को लिपोसोम कम्पोजिशन एडं मैथड फॉर टारगेटिंक ड्रग डिलेवरी का भारतीय पेंटेंट मिला है। इस रिसर्च को स्तन कैंसर के इलाज में दवा को टारगेटेड थैरिपी की दिशा में बड़ी उपलब्धि माना गया है।

गौरतलब है कि कैंसर के इलाज में लंबे समय से पारंपरिक कीमोथेरेपी पद्धति से इलाज किया जा रहा है, जो शरीर की सामान्य कोशिकाओं को प्रभावित करता है और इसके कई साइड इफैक्ट मरीज में नजर आने लगते हैं। इन साइड इफैक्ट से छुटकारा पाने के लिए लंबा इंतजार करना होता ह लेकिन डॉ. साक्षी ने नयी तकनीक ईजाद की है। इसमें टारगेटेड ड्रग डिलेवरी के जरिए स्तन कैंसर का इलाज होगा और स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान भी नहीं होगा।