हैदराबाद। अवैध रूप से दवाइयां बेचने वाले फर्जी डॉक्टरों को पकड़ा गया है। तेलंगाना राज्य चिकित्सा परिषद (टीएसएमसी) ने फर्जी डॉक्टरों की पहचान की है जो मेडिकल स्टोर चला रहे हैं और एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉयड और अन्य अनुसूची एच दवाओं की अनियमित बिक्री में लगे हुए हैं।

बता दें कि दवा दुकान चलाने के लिए फार्मासिस्ट होना अनिवार्य है और फार्मेसी काउंसिल द्वारा जारी लाइसेंस होना चाहिए। हालांकि, इन अनुमतियों के बिना, फर्जी डॉक्टर मेडिकल शॉप चला रहे हैं, जो हमेशा उनके क्लीनिक से जुड़ी होती हैं।

पकड़े गए फर्जी चिकित्सकों में गायत्री प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के संचालक गणेश, भुवन प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के संचालक एम वेणु कुमार और गौरवी क्लीनिक की संचालक सामंथा शामिल हैं। वहीं, श्री साईं क्लीनिक का संचालन संतोष, वरसिद्धि विनायक प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, मौला अली का संचालन गिरिप्रसाद श्याम और शादान क्लीनिक, मौला अली का संचालन एमडी सादिक कर रहे थे।

गौरतलब है कि फर्जी एलोपैथी चिकित्सकों ने अपनी गतिविधियों को वैध बनाने के लिए एक नया तरीका भी निकाला है। इसमें दावा किया गया है कि वे पारंपरिक एलोपैथिक स्वास्थ्य सेवा सुविधा की तुलना में केवल ‘सीमित’ एलोपैथी चिकित्सा सेवाएं दे रहे हैं।

टीएसएमसी के उपाध्यक्ष डॉ. गुंडागनी श्रीनिवास के अनुसार एनएमसी अधिनियम में ऐसे लोगों पर एक साल तक की कैद और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है। पिछले 48 घंटों में, बिना लाइसेंस वाले और फर्जी स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठानों पर निरीक्षण करने के लिए टीएस मेडिकल काउंसिल द्वारा गठित विशेष टीमों ने हैदराबाद में कई व्यक्तियों पर पुलिस मामले दर्ज किए हैं।