कटक (उड़ीसा)। महंगी दवा लिखने के लिए डॉक्टर को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। इस संबंध में उड़ीसा उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि किसी डॉक्टर को कैंसर जैसी बीमारी के इलाज के लिए किसी दवा कंपनी की खास दवा लिखने के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जाना चाहिए। जब तक कि वह खतरनाक या घटिया गुणवत्ता या सरकार के उचित प्राधिकारी द्वारा प्रतिबंधित न हो।
न्यायमूर्ति आदित्य कुमार महापात्र की पीठ ने कटक के विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) के समक्ष डॉ. रवींद्र कुमार जेना के खिलाफ लंबित आपराधिक कार्यवाही को रद करते हुए फैसला सुनाया। हाईकोर्ट के अनुसार अगर दवा कंपनी को लाभ होता है, तो इसे सरकारी खजाने को अनुचित लाभ या नुकसान नहीं माना जा सकता है।
महापात्र ने कहा कि अगर इस तरह की कार्यवाही को बढ़ावा दिया जाता है, तो कोई भी डॉक्टर कभी भी किसी मरीज का इलाज उपलब्ध सर्वोत्तम दवाओं के अनुसार निष्पक्ष और निडर होकर करने का प्रयास नहीं करेगा।
गौरतलब है कि डॉ. जेना एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, कटक के हेमटोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख थे। राज्य सतर्कता आयोग ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।