हैदराबाद। मेडिकल डिग्री के बिना आंखों की सर्जरी करने का भंडाफोड़ हुआ है। तेलंगाना मेडिकल काउंसिल (टीएमसी) की टीमों ने ऑप्टोमेट्रिस्ट आर रमेश को ‘अक्षरा अस्पताल’ नामक एक पूर्ण स्वास्थ्य सुविधा का संचालन करते हुए पकड़ा। यहां वह नलगोंडा के देवरकोंडा में आंखों की सर्जरी कर रहा था और मरीजों को एंटीबायोटिक्स दे रहा था।
एक अन्य व्यक्ति रमेश कथित तौर पर एमबीबीएस, एमडी, जनरल मेडिसिन विशेषज्ञ के रूप में ‘पद्मावती अस्पताल’ चला रहा था। टीएमसी टीम के पूछे जाने पर रमेश ने दावा किया कि उसने रूस से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है, लेकिन वह कोई डिग्री या प्रमाण पत्र नहीं दे पाया। काउंसिल की जांच टीमों ने चार अन्य व्यक्तियों को भी पकड़ा, जो एलोपैथिक सुविधाएं संचालित कर रहे थे।
ये प्राथमिक चिकित्सा देने का दावा कर रहे थे। इनमें राजेश्वर राव भी शामिल हैं, जो कथित तौर पर मॉल टाउन में राजेश्वर राव क्लिनिक चला रहे थे। जहांगीर फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में प्रैक्टिस कर रहा था और फर्जी बीपीटी (फिजियोथेरेपी में स्नातक) डिग्री के साथ एलोपैथी क्लिनिक चला रहा था। पद्मावती मॉल टाउन में श्रीनिवास पॉली क्लिनिक चला रही थी। वहीं संतोष वेंकट रेड्डी को एक एमबीबीएस डॉक्टर के पर्चे का उपयोग करके महर्षि क्लिनिक के नाम से एलोपैथिक दवाएं लिखते हुए पाया गया।
टीएमसी के उपाध्यक्ष डॉ. गुंडागानी श्रीनिवास ने कहा कि ये आरोपी मरीजों को उनकी बीमारी की परवाह किए बिना एंटीबायोटिक इंजेक्शन, स्टेरॉयड इंजेक्शन और गोलियों की उच्च खुराक देते मिले। इनके खिलाफ मामले दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।