रायबरेली। उल्टी की टैबलेट में मात्र 28 प्रतिशत दवा पाई गई है। इसके चलते इस दवा का सैंपल फेल घोषित किया गया है। यह दवा देहरादून में निर्मित की गई है। प्रयोगशाला की जांच में यह तथ्य सामने आया है।

बताया गया कि जांच में सॉल्ट कम होने के साथ ही दवा में हार्डनेस अधिक मिला है। दवा को अधोमानक के साथ ही मिस्ब्रांड घोषित कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने इस दवा के निर्माता और विक्रेता को नोटिस देकर जवाब मांगा है। संबंधित बैच की दवा को कंपनी को वापस करने के आदेश दिए गए हैं।

यह है मामला

ड्रग इंस्पेक्टर शीवेंद्र प्रताप सिंह ने हरचंदपुर स्थित शुभम मेडिकल स्टोर से बैच नंबर केटी-01424 की केवी-आंडे-4 टैबलेट का सैंपल लिया था। सैंपल को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया था। जांच में दवा में सॉल्ट मात्र 28 प्रतिशत मिला। घुलनशीलता भी मानक से काफी कम पाई गई। इसी कारण दवा को अधोमानक के साथ मिस्ब्रांड घोषित कर दिया गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने दवा के निर्माता केवाती हेल्थकेयर देहरादून और शुभम मेडिकल स्टोर के संचालक को नोटिस देकर जवाब मांगा है। संबंधित बैच की दवा को कंपनी को वापस करने के आदेश दिए हैं।