नई दिल्ली। शोधकर्ताओं ने ब्रेड और सोयाबीन को स्तन कैंसर पीड़ितों के लिए हानिकारक पाया है। उनका कहना है कि इस तरह के खाद्य पदार्थों में एक ऐसा कंपाउंड होता है जो इस रोग के इलाज में काम आने वाली दवाओं को बेअसर कर सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार जीनोस्ट्रोजीन्स नामक रासायनिक कंपाउंड से कैंसर में इस्तेमाल होने वाले एंटी-एस्ट्रोजन उपचार का प्रभाव कम हो सकता है।
अमेरिका के स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता गैरी सिउजदक ने बताया कि पाल्बोसिसलिब-लेट्रोजोल दवाओं का सेवन करने वाली स्तन कैंसर रोगियों को उन खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए जिनमें जीनोस्ट्रोजीन्स पाया जाता है। ज्ञातव्य है कि इन दोनों दवाओं के संयुक्त उपचार को 2015 में मंजूरी मिली थी। लेट्रोजोल दवा एस्ट्रोजन की उत्पत्ति को रोकने के साथ स्तन कैंसर सेल्स की वृद्धि को कम करती है। वहीं, पाल्बोसिसलिब कैंसर कोशिकाओं के विभाजन को रोकने का काम करती है। फिलहाल उपचार की यह विधि मानक के अनुरूप मानी जाती है।