बीबीएन (हिमाचल प्रदेश)। क्लोरामफेनिकोल-नाइट्रोफुरंस युक्त दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने राज्य की दवा नियामक एजेंसियों को जारी किए हैं। आदेशों में क्लोरामफेनिकोल और नाइट्रोफुरंस युक्त दवाओं पर लगाए प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को कहा गया है।

यह है मामला

स्वास्थ्य मंत्रालय ने खाद्य उत्पादन करने वाले पशुओं में क्लोरामफेनिकोल और नाइट्रोफुरंस युक्त किसी भी दवा के आयात, निर्माण, बिक्री, वितरण और उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था। इस प्रतिबंध के बाद अब भारत के औषधि नियंत्रक महानिदेशक ने एक आधिकारिक निर्देश जारी किया है। इसमें राज्य के दवा नियामकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि इन प्रतिबंधित दवाओं का निर्माण, बिक्री और वितरण किसी भी खाद्य उत्पादन वाले पशु पालन प्रणाली में न हो।

अधिसूचना के अनुसार खाद्य उत्पादन करने वाले पशुओं में क्लोरामफेनिकोल या नाइट्रोफुरंस युक्त दवा का उपयोग संभावित स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। हालांकि, इनके सुरक्षित विकल्प उपलब्ध हैं। बता दें कि क्लोरामफेनिकोल और नाइट्रोफुरंस एंटीबायोटिक्स की श्रेणियों में आते हैं, जो खाद्य उत्पादन वाले पशुओं में बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं।

विभिन्न अध्ययनों में इन दवाओं के दुष्प्रभावों की पुष्टि की गई है, जिसमें डायरिया, बोन मैरो डिप्रेशन (अस्थि मज्जा दबाव) और अन्य गंभीर स्वास्थ्य जोखिम शामिल हैं। सरकार के इस आदेश से खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य को संभावित खतरों से बचाया जा सकेगा।