नई दिल्ली। घटिया गुणवत्ता वाली दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने मामला रद कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने कार्यवाही को यह कहते हुए रद कर दिया कि निचली अदालत के समन आदेश में कोई कारण नहीं बताया गया था।

न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि समन आदेश पूरी तरह से निरर्थक है। यह फैसला फर्म और अन्य द्वारा आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के अक्टूबर, 2023 के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर आया। इसमें कुरनूल की अदालत में चल रही कार्यवाही को रद्द करने संबंधी उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था। पीठ ने कहा कि हम हालांकि अपीलकर्ताओं द्वारा विभिन्न आधारों पर की गई दलीलों पर विचार करना आवश्यक नहीं समझते हैं, क्योंकि वर्तमान अपील इस आधार पर स्वीकार किए जाने योग्य है कि मजिस्ट्रेट ने कोई कारण बताए बिना प्रक्रिया शुरू की है।

मौजूदा मामले में भी मजिस्ट्रेट ने कोई कारण नहीं बताया है। उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए पीठ ने जुलाई 2023 के निचली अदालत के समन जारी करने संबंधी आदेश और संबंधित कार्यवाही को रद्द कर दिया। रिकॉर्ड के अनुसार सितंबर 2018 में शिकायतकर्ता ने विश्लेषण के लिए फर्म द्वारा निर्मित एक दवा का सैंपल लिया और इसे अमानक घोषित किया गया। अपीलकर्ताओं पर खराब गुणवत्ता वाली दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण के माध्यम से 1940 के अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।