नई दिल्ली। नशीली दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ करने में सफलता मिली है। दिल्ली पुलिस ने तीन तस्करों को गिरफ्तार कर उनके पास से 1 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं जब्त की गई है।

यह गिरोह प्रतिबंधित दवा के निर्माण और उसकी तस्करी में शामिल था। पुलिस ने अवैध फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाली मशीनें भी जब्त की हैं। गिरफ्तार किए आरोपियों की पहचान समालुद्दीन उर्फ सादिक, मोहम्मद गुलजार और सलमान के रूप में हुई है। आरोपियों के पास से 1.80 लाख अल्प्राजोलम टैबलेट्स और 9,000 बोतल ट्रिप्रोलिडीन हाइड्रोक्लोराइड और कोडीन फॉस्फेट सिरप बरामद किए है। वहीं, अवैध फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाली मशीनें, नकली लेबल और पैकेजिंग सामग्री भी जब्त की गई है।

यह है मामला

पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बवाना इलाके में अवैध दवा फैक्ट्री संचालित की जा रही है। सूचना के आधार पर पुलिस ने मौके पर रेड की। पुलिस के अनुसार, सिंडिकेट के मुख्य सरगना समालुद्दीन के पास बी.फार्मा की डिग्री है। उसने सलमान के साथ मिलकर बवाना में अवैध फैक्ट्री स्थापित की थी। इस फैक्ट्री में अल्प्राजोलम, ट्रामाडोल और कोडीन आधारित सिरप का उत्पादन हो रहा था। गुलजार, जो एक ग्राफिक्स डिजाइनर है उसने सिंडिकेट के लिए अभेशिफा फार्मास्यूटिकल मार्केटिंग कंपनी नाम से फर्जी फर्म रजिस्टर करवाई थी। उसने अवैध दवाओं के लेबल डिजाइन करने और पैकेजिंग सामग्री छपवाने में मदद की।

जांच में पता चला है कि आरोपी नकली मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस और बैच नंबर का उपयोग कर रहे थे। दवाओं की बोतलों पर दिए गए पते और क्यूआर कोड भी फर्जी थे। उन्होंने नकली ब्रांड नाम का भी इस्तेमाल किया और अपनी खुद की दवा निर्माण इकाई स्थापित करने की योजना बना रहे थे। फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है।