ग्रेटर नोएडा (उप्र)। भारतीय दवा के कंसाइनमेंट को ईरान में रोककर रुपये मांगे जाने का मामला प्रकाश में आया है। बताया गया है कि दवा तजाकिस्तान पहुंचने के बाद पूरी फीस ली और ईरान के बंदरगाह पर रोक दिया गया। अतिरिक्त रुपये की मांग की गई। इस संबंध में ग्रेटर नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक के सीनियर लीगल मैनेजर ने शिकायत की। कोर्ट के आदेश पर बीटा-2 थाने में दिल्ली की कंपनी स्टीविन शिपिंग के डायरेक्टर रमेश कुमार और मुकेश झा पर केस दर्ज किया गया है।

यह है मामला

मैरियन बायोटेक के सीनियर लीगल मैनेजर विवेक शर्मा ने बताया कि उनकी कंपनी को 2022 में उज्बेकिस्तान में दवा के कंसाइनमेंट का ऑर्डर मिला था। इसे भेजने के लिए उन्होंने दिल्ली की कंपनी से संपर्क किया और 7100 यूएस डॉलर और 29 हजार रुपये अतिरिक्त देने की डील हुई। इसके बाद दोनों कंसाइनमेंट भेजे गए। वहां विदेशी कंपनी ने लोकेशन को बदलकर तजाकिस्तान कर दिया। उन्होंने कंपनी में 8 लाख रुपये अतिरिक्त भी दिए, जहां से दोनों कंसाइनमेंट को ईरान के बंदरगाह पर रोका गया था।

आरोप है कि वहां से तजाकिस्तान के लिए उनसे 45 लाख रुपये की डिमांड की गई, जो उन्होंने दे दिए। इसके बाद एक कंसाइनमेंट को भेजा गया, लेकिन करीब 3 करोड़ की दवाओं वाले कंटेनर को कंपनी ने रोक लिया। इसके बदले 21 लाख रुपये की डिमांड की। उसके पूरा नहीं होने पर दवाओं को आगे नहीं भेजने की धमकी दी गई।