मुंबई। भारतीय फार्मा उद्योग को अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से लाभ मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप 2.0 एजेंडा भारतीय फार्मास्युटिकल के लिए फायदेमंद रहेगा। इस एजेंसी का मेन फोकस चीन प्लस 1 पर है। यह फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन डाइवर्सिफिकेशन की स्ट्रेटजी के लिए काम कर सकता है। ऐसे में ये भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों के लिए अच्छा मौका है।

वहीं चाइनीज गुड्स पर हाई टैरिफ इंडियन फार्मास्युटिकल प्लेयर्स के लिए अमेरिकी जेनेरिक फार्मास्युटिकल मार्केट में नए रास्ते खोल सकते हैं। इससे वे सप्लाई की कमी को पूरा कर सकेंगे। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय फार्मास्युटिकल के लिए अमेरिका अब प्रमुख बाजार बना हुआ है। यह कुल सेल का 30 फीसदी और वॉल्यूम मार्केट शेयर का 40 प्रतिशत है। ग्लोबल जेनेरिक फार्मास्युटिकल मार्केट में भारत की ताकत इसे अमेरिकी व्यापार और सप्लाई चेन स्ट्रेटजी में बदलाव से फायदा पाने में मदद करती है।

ग्लोबल हेल्थ इंडस्ट्रीज एडवाइजरी लीडर सुजय शेट्टी ने बताया कि आने वाले ट्रंप प्रशासन के एजेंडे को देखते हुए भारतीय कंपनियों को अमेरिका सप्लाई चेन में अवसरों की तलाश करनी चाहिए। बता दें कि आने वाले कुछ हफ्तों में दूसरे कार्यकाल के लिए ट्रंप का एजेंडा क्लीयर हो जाएगा। भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनी ने पहले ही स्थापित ग्लोबल फार्मास्युटिकल कंपनी के साथ कॉन्टैक्ट किया हुआ है।