मुंबई। भारतीय फार्मा उद्योग आगामी वित्त वर्ष में बढ़ोतरी दर्ज करेगा, ऐसी उम्मीदें लगाई गई हैं। दवा कंपनियो मेंं 9 से 11 फीसदी राजस्व की वृद्धि हो सकेगी। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका, यूरोप और अन्य उभरते देशों में मजबूत प्रदर्शन के कारण राजस्व वृद्धि दमदार रहेगी। हालांकि, उच्च मांग और नए उत्पादों की पेशकश से यह वृद्धि वित्त वर्ष 2024 में दर्ज की गई 13-14 फीसदी वृद्धि के मुकाबले कम ही रहेगी।
अमेरिकी बाजार का बड़ा योगदान
गौरतलब है कि राजस्व वृद्धि में अमेरिकी बाजार का बड़ा योगदान रह सकता है। दरअसल, भारतीय दवा कंपनियों ने अमेरिका से राजस्व में 18.3 फीसदी का इजाफा दर्ज किया था। नए उत्पादों की पेशकश, त्वरित मंजूरी और सप्लाई चेन में रुकावटों के कारण मूल्य निर्धारण लाभ जैसे कारण से भी इस वृद्धि को दम मिला है।
रिपोर्अ के अनुसार घरेलू बाजार में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है। इक्रा ने अपने सैंपल में रखे कंपनियों के लिए 7 से 9 फीसदी की राजस्व वृद्धि का अनुमान लगाया है। यह वित्त वर्ष 24 में दर्ज 6.4 फीसदी वृद्धि से अधिक है।
बता दें कि जरूरी दवाइयों की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) और असमान मॉनसून ने बीते साल की वृद्धि को प्रभावित किया है। लेकिन नए एमएलईएम के तहत न्यूनतम मूल्य वृद्धि के बाद भी बेहतर बिक्री रणनीतियों, ग्रामीण इलाकों में वृहद वितरण और नए उत्पादों की पेशकश से वित्त वर्ष 2025 में वृद्धि बढऩे की उम्मीद है।
यूरोपीय बाजार भी वृद्धि में योगदान दे सकता है। उभरते बाजारों में भी पिछले वर्ष की गति के आधार पर वित्त वर्ष 2025 में 11 से 13 प्रतिशत की बेहतर वृद्धि देखने की उम्मीद है।