मुंबई। मैनकाइंड फार्मा दवाओं के नए बाजार पर कब्जे की तैयारी में जुट गई है। भारत की प्रमुख फार्मा कंपनी मैनकाइंड फार्मा अब इम्यूनोथेरेपी, ऐंटीबॉडी ड्रग कंजुगेट्स, जीन थेरेपी दवाओं के अलावा ग्लूकैगॉन जैसे पेप्टाइड-1 (जीएलपी) जैसी पेप्टाइड और गंभीर इलाजों पर ध्यान देगी। कंपनी अब नोवो नॉर्डिस्क की दवा सेमाग्लूटाइड के अपने जेनरिक वेरिएंट के साथ भी आने की तैयारी कर रही है।

बताया गया है कि इसे अगले साल पेटेंट से मुक्त कर दिया जाएगा। मैनकाइंड स्पेशियलिटी के वरिष्ठ अध्यक्ष आतिश मजूमदार के अनुसार उन्हें अगले साल जेनेरिक सेमाग्लूटाइड पेश होने की उम्मीद है और वे अपना वेरिएंट पेश करेंगे। इससे इस श्रेणी की दवाइयों की कीमतों में काफी कमी आएगी। अभी पूरे महीने के कोर्स के लिए जीएलपी-1 श्रेणी की दवाओं की कीमत करीब 40-50 हजार है।

आतिश मजूमदार ने बताया कि अक्सर पेटेंट खत्म होने के बाद इनोवेटर दवा की कीमतें गिर जाती हैं। इसके बाद दवा की कीमतें धीरे-धीरे कम होने लगती हैं और अंतत: यह 80 फीसदी तक कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि पेटेंट खत्म होने के बाद जेनरिक दवाइयों के निर्माण में तेजी आएगी।