गोरखपुर के अस्पताल में इंजेक्शन लगाने से बिगड़ी 50 प्रसूताओं की हालत, अस्पताल में मचा हडकंप

गोरखपुर के अस्पताल में इंजेक्शन लगाने से बिगड़ी 50 प्रसूताओं की हालत, अस्पताल में मचा हडकंप

Gorakhpur: गोरखपुर (Gorakhpur) के महिला अस्पताल में नर्स के द्वारा एक गलत इंजेक्शन लगाने की वजह से भर्ती 50 प्रसूताओ की हालत बिगड़ गई। रात साढ़े 11 बजे नर्स ने अस्पताल में भर्ती 50 प्रसूताओं को इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगते ही उन्हें तेज बुखार हो गया और आंखों में जलन होने लगी। मरीजों की बिगड़ती हालत देखकर अटेंडेंट ने वहां हंगामा शुरू कर दिया। अस्पताल के बाहर अटेंडेंट की भीड़ जुटने लगी तो स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कराया।

 प्रसूताओं की तबीयत बिगड़ने से माहौल गरमा उठा (Gorakhpur) 

पूरे अस्पताल में 71 प्रसूताएं भर्ती हैं। गुरुवार की देर रात साढ़े 11 बजे एक नर्स के द्वारा 50 प्रसूताओं को इंजेक्शन लगाया गया। इंजेक्शन लगते ही एक के बाद एक महिला की तबीयत बिगड़ने लगी। प्रसूताओं की बिगड़ती तबीयत को देखकर उनके साथ मौजूद परिजन भड़क उठे। उन्होंने नर्स को पकड़कर उससे आइकार्ड मांगा जो नर्स के पास मौजूद नहीं था। इसके बाद लोगों ने नर्स को अश्पताल के एक रुम में बंद कर दिया। हंगामा शुरू होते ही इमरजेंसी डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ भाग खड़े हुए। सूचना पर पुलिस पहुंची और लोगों को समझाकर सभी प्रसूताओं का इलाज शुरू कराया। इंजेक्शन लगते ही प्रसूताओं को तेज बुखार और शरीर में कंपकपी होने लगी। साथ ही बीपी बढ़ गया और सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी। साथ ही आंखों में जलन हो रही थी और शरीर असहाय सा होने लगा।

आंखों में जलन होने से तड़प उठी महिलाएं 

इंजेक्शन लगते ही प्रसूताओं की आंखों में इतनी जलन होने लगी कि वो दर्द से तड़प उठी। उन्हें दर्द से तपड़पता देख परिजन दौड़कर बाहर निकले और ठंडे पानी की बोतल खरीदकर। उनकी आंखों पर ठंडे पानी के छीटे मारे।

इंजेक्शन के रिएक्शन को कम करने की दी दवा 

मरीजों की हालत बिगडऩे के बाद हॉस्पिटल स्टाफ ने उन्हें रिएक्शन कम करने के लिए इंजेक्शन दिया, जिसके बाद धीरे-धीरे उनकी तबीयत में सुधार आने लगा। इस दौरान परिजन अपने-अपने पेशेंट के हाथ मलते रहे और पंखा करते रहे।

इस मामले पर पुलिस ने कहा कि  इंजेक्शन लगने से रिएक्शन होने पर मरीजों की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कराकर प्रसूताओं का इलाज शुरु कराया गया।

 

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