ड्रग विभाग को लगे पांच साल, जेल पहुंचा तपेश

रोहतक: 22 मई, 2012 को शहर के शांतमई चौक से जिस तपेश को सीनियर ड्रग कंट्रोल ऑफिसर मनमोहन तनेजा और ड्रग कंट्रोल ऑफिसर रजनीश धानीवाल ने नशीली दवा रखने के आरोप में पकड़ा था उसे पांच साल बाद बीते कल 4 अक्टूबर को कोर्ट से सजा हुई। वर्तमान ड्रग कंट्रोल ऑफिसर मनदीप मान ने चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट योगेश चौधरी की अदालत में खुद इस केस की पैरवी की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद तपेश को दोषी मानते हुए चार साल कैद और डेढ़ लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। इसी के साथ ड्रग विभाग रोहतक यह तीसरी सजा करवाने में कामयाब हुआ।

एफडीए विभाग के डीसीओ मान के मुताबिक, 2012 में तपेश को शांत मई चौक से उस वक्त पकड़ा जब वह 12 तरह की नशीली दवाओं के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर उन्हें कहीं सप्लाई करने की तैयारी में था। गुप्ता सूचना पर पुलिस के सहयोग से तत्कालीन ड्रग अधिकारियों ने मिलकर इस कार्र्रवाई को अंजाम दिया। सूचना सच साबित हुई। मौके से तपेश के पास से नशीली दवाएं बरामद हुई। तपेश से इन दवाओं के संबंध में रिकॉर्ड मांगा तो वह कोई भी सेल-परचेज संबंधी कागज प्रस्तुत नहीं कर पाया। वर्ष 2013 में केस दाखिल हुआ। चार साल के लंबे अंतराल में कई ऐसे मौके आए जब आरोपी के वकील ने बचाव की दलीलें दी। लेकिन ड्रग ऑफिसर मनदीप मान ने केस से जुड़े तमाम सबूत और पैरवी को पुख्ता ढंग अदालत में पेश किया। लंबी जिरह के बाद आखिरकार तपेश को ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत उक्त सजा और जुर्माना के तहत जेल हो गई।

एक साल के भीतर ड्रग विभाग के प्रयास से यह तीसरा मौका है जब दवा क्षेत्र में अवैध और नशीला कारोबार करने वाले आरोपियों को सजा हुई है। जनवरी 2017 में शक्ति स्वरूप को तीन साल कैद एक लाख रुपये जुर्माना की सजा हुई जबकि फरवरी 2017 में अनएथिकल पे्रक्टिस करने वाले झोलाछाप चिकित्सक को एक लाख रुपये जुर्माने के साथ तीन साल के लिए जेल जाना पड़ा।

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