रीवा (मप्र)। गर्भवती महिलाओं को ब्लैकलिस्टेड कंपनियों के इंजेक्शन लगाने का मामला सामने आया है। ऐसी पांच महिलाओं की याददाश्त चली गई।

यह है मामला

फरवरी माह में संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में डिलीवरी कराने आई 5 प्रसूताओं ने प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनके परिजनों का आरोप था कि डॉक्टरों ने प्रसूताओं का गलत तरीके से इलाज किया और इससे उनकी याददाश्त चली गई है।

लापरवाही के आरोप लगने पर अस्पताल प्रबंधन ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। घटना की जांच के बाद अस्पताल प्रबंधन ने स्टोर कीपर की लापरवाही मानी और उसे निलंबित कर दिया है। बताया गया है कि संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में सात गर्भवती महिलाओं को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया गया था। इस इंजेक्शन को दो महीने पहले ही अमानक घोषित कर कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका था। प्रसूताओं की ऑपरेशन से डिलेवरी हुई जिसके बाद चार प्रसूताओं की याददाश्त चली गई थी। इनमें से एक प्रसुता की हालत नाजुक बनी हुई थी। हालांकि इलाज के बाद अब सभी प्रसूताएं स्वास्थ्य हैं।

इस घटना के बाद जांच कराई गई। जांच में पता चला की दिसंबर में इस जानलेवा इंजेक्शन को अमानक घोषित कर सरकारी पोर्टल में भी ब्लॉक कर दिया था। 25 फरवरी को अस्पताल के स्टोर से इस बैच के 100 वायल निकाल लिए गए थे जिसके बाद पांच डिलीवरी में इस्तेमाल भी हो गए। इसके बाद महिलाओं की हालत बिगड़ी थी। अस्पताल के स्टोर कीपर प्रवीण उपाध्याय ने भूलवश इसी प्रतिबंधित बैच के इंजेक्शन को जारी कर दिया था। इसके चलते अब उन्हें निलंबित कर दिया गया है।