गोरखपुर। दवा बाजार में निरीक्षण करने आए ड्रग इंस्पेक्टर से दुकानदारों का विवाद होने का मामला सामने आया है। थोक दवा मंडी भालोटिया में दवा खरीद-बिक्री लाइसेंस की जांच करने पहुंचे ड्रग इंस्पेक्टर से दवा दुकानदार उलझ गए।
बताया गया है कि दवा विक्रेता समिति के पदाधिकारियों ने ड्रग इंस्पेक्टर पर मनमानी का आरोप लगाते हुए उन्हें घेर लिया। इस दौरान ड्रग इंस्पेक्टर के साथ आए कर्मचारी ने दवा व्यापारियों को धमकी दी। इससे हंगामा खड़ा हो गया।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार भालोटिया मार्केट में एक दवा एजेंसी के संचालक की बीमारी से मौत हो गई थी। एजेंसी का ट्रांसफर अब पत्नी व बहू के नाम से होना है। इसके लिए किए गए आवेदन की जांच करने ड्रग इंस्पेक्टर राहुल कुमार और कर्मचारी मोहन तिवारी भालोटिया बाजार पहुंचे थे। दवा व्यापारियों का आरोप है कि ड्रग इंस्पेक्टर बेवजह आवेदन में खामियां निकाल रहे थे। जबकि, उनके सीनियर अधिकारी ने आवेदन को मानकों पर पूरा पाया था। बस इसी बात को लेकर विवाद हो गया।
दवा विक्रेता समिति के अध्यक्ष योगेन्द्र नाथ दूबे व महामंत्री आलोक चौरसिया का कहना है कि ड्रग इंस्पेक्टर मनमानी कर रहे हैं। वह लाइसेंस के मानकों में बदलाव कर रहे हैं। इसके पीछे उद्देश्य सिर्फ वसूली करना है। आरोप लगाया कि ड्रग विभाग के एक कर्मचारी ने उन्हें धमकी दी है।
बताया जा रहा है कि भालोटिया मार्केट के एसएम कॉम्पलेक्स में सीमा हेल्थ केयर नाम से फर्म है। इसके संचालक की गंभीर बीमारी से मौत हो गई। इसकी वजह से नए सिरे से ड्रग लाइसेंस बनवाया जा रहा है। इसमें मृत व्यापारी की पत्नी सीमा अग्रवाल और बहू वर्षा अग्रवाल के नाम से लाइसेंस ट्रांसफर होना है। फर्म का नाम बदल रहा है। इसी मामले की जांच के लिए ड्रग इंस्पेक्टर भालोटिया मार्केट में पहुंचे थे।
उधर, ड्रग इंस्पेक्टर राहुल कुमार ने सफाई दी कि फर्म के लाइसेंस का आवेदन मिला था। इसमें कुछ खामियां थीं। आवेदन में दी गई तस्वीर और मौके पर जांच में कुछ अंतर मिला। इसी बारे में पूछने पर व्यापारी नाराज हुए थे। अब कोई विवाद नहीं है।