मिर्जापुर। अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान इदवाओं की लिस्ट नहीं दिखाने पर चीफ फार्मासिस्ट पर गाज गिरी है। दरअसल, जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन मंडलीय अस्पताल निरीक्षण करने पहुंच गईं। उन्होंने दवाओं की सूची मांगी तो चीफ फार्मासिस्ट इसे नहीं दिखा सके। इस पर जिलाधिकारी ने चीफ फार्मासिस्ट को सस्पेंड करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, डॉक्टर द्वारा बच्चे को अस्पताल के बाहर मेडिकल स्टोर से दवा लेने के लिए कहने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। जिलाधिकारी ने अस्पताल परिसर में स्टैंड को पीछे की ओर ले जाने तथा वहां साइकिल खड़ी करने वालों से शुल्क नहीं लेने की हिदायत दी। इसके अलावा, उन्होंने सीटी स्कैन जल्द चालू करने, मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण करने का भी निर्देश दिया।
औचक निरीक्षण में मिली खामियां
जिलाधिकारी सुबह करीब सवा 11 बजे मंडलीय अस्पताल में निरीक्षण के लिए पहुंचीं। वे अस्पताल के पीछे की ओर पहुंचीं। वहां स्टैंड संचालित होता हुआ नहीं मिला। वहां कूड़ा फैला हुआ था। इस पर उन्होंने अधिकारियों से कड़ी नाराजगी जताई। कूड़े को चिह्नित स्थान पर एकत्र करने और वाहन स्टैंड को पीछे की ओर ले जाने का निर्देश दिया। उन्होंने स्टैंड में साइकिल खउ़ी करने वालों से पैसा नहीं लेने को कहा। बाल रोग कक्ष में मरीजों की भीड़ देख नाराजगी जताई और डॉक्टर को कक्ष में बैठाने का निर्देश दिया। उन्होंने पर्ची काउंटर के पास ही बोर्ड कौन से डॉक्टर कहां और किस कक्ष में बैठते हैं, उसका बोर्ड लगवाने का निर्देश दिया। वे दवा काउंटर पर पहुंचीं। पेट दर्द होने पर एक बालक रौनक शुक्ला को दी जाने वाली दवा के बारे में जानकारी ली। बच्चे से पूछने पर बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश सिंह ने बाहर मेडिकल स्टोर से दवा लेने को कहा है। इस पर जिलाधिकारी ने स्टोर पहुंचकर जानकारी ली। वहां से वापस दवा काउंटर पर आईं। वहां दवा न होने पर चीफ फार्मासिस्ट को दवाओं की सूची दिखाने को कहा। सूची नहीं दिखाने पर चीफ फार्मासिस्ट राममूरत सिंह को उन्होंने निलंबित करने का निर्देश दिया।
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जिलाधिकारी ने जमकर फटकार लगाई। उन्होंने आगाह किया कि अस्पताल की व्यवस्था अविलंब दुरुस्त कर लें।