लखनऊ। अब दवाओं पर कालाबाजारी पर रोक लग सकेगी। केजीएमयू में हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) की फार्मेसी में छूट पर मिलने वाली दवा अब बाहर नहीं बेच सकेंगे। फार्मा कंपनियों ने दवा पर ‘फॉर केजीएमयू एचआरएफ सप्लाई ओनली’ लिखना शुरू कर दिया है। केजीएमयू में फार्मेसी सेवा में सुधार किया जा रहा है। ऐसे में वेलफेयर सोसाइटी के दवा काउंटर बंद किए जा रहे हैं। वहीं एचआरएफ की फार्मेसी खोली जा रही हैं। इन फार्मेसी में पीजीआई के रेट कांट्रैक्ट (आरसी) पर दवा खरीदी जा रही है। विभिन्न विभागों में एचआरएफ के नौ काउंटर खोले जा चुके हैं। इसमें करीब 250 कंपनियों द्वारा 1500 किस्म की दवाएं आपूर्ति की जा रही हैं। सीधे कंपनियों से दवा खरीदने पर एचआरएफ काउंटर पर 65 फीसद तक सस्ती दवाइयां हैं। गौरतलब है कि केजीएमयू प्रशासन को काउंटर से सस्ती दवा लेकर बाजार में महंगी बेचने का पता चला तो इसमें कुछ कर्मी भी संलिप्त होने की आशंका हुई। प्रवक्ता डॉ. शीतल वर्मा के अनुसार दवा की कालाबाजारी रोकने के लिए कंपनियों से दवा पर केजीएमयू सप्लाई लिखने के निर्देश दिए गए। 75 फीसद कंपनियों ने दवा पर प्रिंट लाइन डालनी शुरू कर दी हैं। वहीं कुछ ने दवा वापसी में दिक्कत बताकर केजीएमयू की प्रिंट लाइन डालने को लेकर आनाकानी कर रही हैं। मगर, यह नियम सख्ती से लागू किया जाएगा।