Maharashtra: महाराष्ट्र (Maharashtra) के सरकारी अस्पतालों के लिए दवाई और उपकरण खरीदी करने संबंधी महाराष्ट्र वैद्यकीय वस्तु खरीदी प्राधिकरण विधेयक को अब विधानपरिषद में मंजूरी प्राप्त हो गई है। इस मंजूरी के बाद अब राज्य के स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और अन्न और औषधि विभाग के लिए आवश्यक दवाई, मशीन और उपकरणों की खरीदी के लिए प्राधिकरण स्थापित करने का रास्ता साफ हो गया है।

तमिलनाडु और राजस्थान की तर्ज पर Maharashtra में प्राधिकरण स्थापित 

तमिलनाडु और राजस्थान की तर्ज पर अब महाराष्ट्र में प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा।  प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत के द्वारा विधानपरिषद में विधेयक पेश किया गया। तानाजी सावंत ने कहा कि राज्य सरकार में अभी तक सरकारी अस्पतालों और संबंधित विभागों के लिए आवश्यक दवाइयों की खरीदी हाफकिन संस्थान के जरिए होती है। लेकिन हाफकिन संस्थान का मूल काम अनुसंधान का है। सरकारी विभागों के द्वारा हाफकीन संस्थान को दवाइयों की खरीदी के लिए पैसे उपलब्ध कराए जाते थे। लेकिन हाफकिन संस्थान समय पर दवाई खरीदकर अस्पतालों को उपलब्ध नहीं करा पा रहा था। इसलिए शिंदे सरकार के द्वारा राज्य में दवाई खरीदी के लिए प्राधिकरण स्थापित करने का फैसला लिया है।

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तीन समितियां गठित की जायेगी 

प्राधिकरण के लिए तीन समितियां गठित की जायेगी। इनमें से एक समिति के प्रमुख मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे होंगे।  दूसरे समिति के प्रमुख राज्य के मुख्य सचिव होंगे और तीसरी समिति का नेतृत्व आईएएस दर्ज के अधिकारी करेंगे। प्राधिकरण में कर्मचारियों के 52 पदों पर ठेके पर नियुक्ति की जाएगी।

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