नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाइयां महंगी होने की खबरों को लेकर स्पष्टीकरण दिया है। बताया गया है कि होलसेल प्राइस इंडेक्स में मात्र 0.00551 फीसदी वृद्धि हुई है। इस आधार पर 782 दवाओं के लिए प्रचलित अधिकतम कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा। इनके अलावा, 54 दवाओं में मात्र एक पैसा की मामूली वृद्धि होगी।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मीडिया रिपोर्ट्स को भ्रामक बताया है। मीडिया में कुछ जरूरी दवाओं के दाम 1 अप्रैल 2024 से 12 फीसदी बढऩा बताया गया है। इस बढ़ोतरी का आधार होलसेल प्राइस इंडेक्स को बताया गया था। जबकि, स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण या नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) सालाना थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर अधिसूचित दवाओं की अधिकतम कीमतों में बदलाव करता है।

मात्र एक पैसे की बढ़ोतरी

एनपीपीए ने होलसेल प्राइस इंडेक्स में मात्र 0.00551 फीसदी बढ़ोतरी की है। इस आधार पर 782 दवाओं के लिए प्रचलित अधिकतम कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा। जबकि 54 दवाओं में एक पैसा की मामूली वृद्धि होगी।
बता दें कि फार्मास्युटिकल डिपार्टमेंट के तहत राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) सालाना होल सेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर शिड्यूल दवाओं की अधिकतम कीमतों को संशोधित करता है।

डीपीसीओ, 2013 की शिड्यूल-1 में शामिल शेड्यूल दवाएं जरूरी दवाओं की श्रेणी में आती हैं। 2023 के दौरान होल सेल इंडेक्स में सालाना बढ़ोतरी 0.00551 फीसदी थी। इसके बाद, प्राधिकरण ने 20 मार्च 2024 को बैठक में शिड्यूल दवाओं के लिए होल सेल इंडेक्स में 0.00551 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दे दी।

782 दवाइयोंं की कीमतें नहीं बढ़ी

मंत्रालय के अनुसार 923 दवाओं पर अधिकतम कीमतें लागू हैं। होल सेल प्राइस इंडेक्स में 0.00551 फीसदी की बढ़ोतरी के आधार पर 782 दवाओं की अधिकतम कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा और मौजूदा कीमतें 31.03.2025 तक लागू रहेंगी। 54 दवाएं जिनकी अधिकतम कीमत 90 रुपये से लेकर 261 रुपये है, उनकी कीमतों में एक पैसा की मामूली बढ़ोतरी होगी। वर्ष 2024-25 में होल सेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर दवाओं की अधिकतम कीमत में लगभग कोई बदलाव नहीं होगा।