रायपुर। दवा खरीदी में भारी गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) ने एक दवा और समान कंपनी के 20 करोड़ से ज्यादा दाम चुुका दिए।
यह है मामला
दवाओं की खरीदी के मामले में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड का एक और कारनामा सामने आया है। जिन दवाओं की खरीदी राजस्थान का दवा कार्पोरेशन कम दामों में करता रहा, उसका भुगतान सीजीएमएससी ने थोक में खरीदी कर ऊंचे दर पर कर दिया। दवा खरीदी समिति और अफसरों की मनमानी के कारण पिछले दो साल में सप्लायर कंपनी और उसके सहयोगियों को करोड़ों की अधिक राशि का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया।
गौरतलब है कि सीजीएमएसी दवाओं की खरीदी के लिए कीमतों का कई तरीके से अध्ययन कर अपनी दर निर्धारित कर खरीद आदेश देती है। आरोप है कि कीमतों को तय करने की जिम्मेदारी उठाने वाली समिति ने इस व्यवस्था को नजरअंदाज कर दिया और दवाओं की खरीदी मनमाने दाम पर कर शासन को 20 करोड़ 39 लाख से ज्यादा राशि का नुकसान पहुंचा दिया।
अफसरों ने सप्लायर एजेंसी पर मेहरबानी दिखाते हुए राशि का भुगतान भी कर दिया। जानकारी अनुसार इन दवाओं की सप्लाई ज्यादातर 1 एम इंडिया लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनियों द्वारा की गई थी। दवा कार्पोरेशन ने जिन दवाओं की खरीदी सप्लायर एजेंसी के माध्यम से ऊंचे दामों पर की, उसी कंपनी की वही दवा राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन (आरएमएससीएल) ने लगभग आधे दामों में खरीदी है।
बीस करोड़ की कीमत पर दवाइयां खरीदी गई और मामले में सीजीएमएससी के अधिकारी चुप हैं। यह खेल सन 2022 से जारी बताया गया है। इस मामले का खुलासा एक सामाजिक कार्यकर्ता श्याम अवतार केडिया ने किया। उन्होंने सीजीएमएससीएल और आरएमएससीएल की दवा खरीदी और उनके दामों का अध्ययन करने के साथ मामले की शिकायत मुख्य सचिव से की है। शिकायत में कहा कि सरकारी खजाने की बेहताशा बर्बादी जघन्य अपराध है। मामले की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।