डॉक्टरों के लाइसेंस पर लटकी तलवार, दो साल में 19 करोड़ का जुर्माना

डॉक्टर
Concept image

मध्यप्रदेश : ग्रामीण इलाकों में सेवा न देने औऱ बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में दो साल में 19 करोड़ रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले गए हैं। मामला मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेज का है। एक रिपोर्ट के मुताबिक बॉन्ड से मुक्त होने के लिए करीब 750 बॉन्ड डिफॉल्टर्स ने पिछले दो साल में 19 करोड़ की राशि कॉलेज में जमा की है।

मध्य प्रदेश के इंदौर में डॉक्टरों से ₹19 करोड़ वसूलने से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के 274 डॉक्टरों की लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश भी की गई है।

खबर में कहा गया है की इन डॉक्टरों ने पढ़ाई पूरी करने के दौरान एक बॉन्ड साइन किया था। इसके मुताबिक पढ़ाई के बाद ने ग्रामीण इलाकों में सेवा देनी थी, लेकिन कई डॉक्टर ऐसा करने में विफल रहे। अब मेडिकल काउंसिल से 274 डॉक्टरों की लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई है।

इस मामले में महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, इंदौर के डीन डॉ संजय दीक्षित के मुताबिक जिन डॉक्टरों पर फाइन लगाया गया है, उन्होंने साल 2002 से 2016 के बीच बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन किया।

जिन डॉक्टरों ने बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन किया है उन्होंने न तो उन्होंने ग्रामीण इलाकों में जाकर एक निश्चित अवधि तक सेवाएं दीं और ना उन्होंने बॉन्ड में निर्धारित रकम जमा की। अब इन डॉक्टरों का पंजीकरण रद्द करने के लिए राज्य मेडिकल आयोग को पत्र लिखा गया है।

कॉलेज प्रशासन की ओर से जारी लिस्ट के मुताबिक डॉक्टरों ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई 2002 से 2012 के बीच की जबकि पोस्टग्रेजुएट की पढ़ाई 2006 से 2015 के बीच की।

Advertisement