ऑपरेशन कर बुजुर्ग के हृदय के वॉल्व से हटाई गई ‘फंगल बॉल’

हृदय

नई दिल्ली : चिकित्सकों के एक दल ने जटिल सर्जरी कर दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त एक बुजुर्ग के हृदय के वॉल्व से “छह सेंटीमीटर लंबी फंगल बॉल” निकाली। अस्पताल के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

मरीज सुरेश चंद्र ने कहा कि वह मई 2021 में कोविड-19 की चपेट में आ गए थे और घर पर ही पृथकवास पूरा किया था। चंद्र ने कहा कि कुछ महीनों बाद उन्हें कफ और तेज बुखार की शिकायत नियमित तौर पर रहने लगी।

उन्होंने कहा, मैंने कई डॉक्टरों से संपर्क किया। सभी को यह लगा कि यह कोविड के बाद होने वाली परेशानी है और इसे फेफड़ों का संक्रमण माना। पूर्व में उनकी महाधमनी (एओर्टिक) का वॉल्व बदला गया था।

अधिकारियों ने बताया कि चंद्र इसके बाद फोर्टिस अस्पताल में डॉक्टरों के पास गए, जहां जांच में पता चला कि यह एक “दुर्लभ फंगल संक्रमण ‘इंफेक्टिव इंडोकार्डिटिस’ है।

इसमें कहा गया, “यह बेहद दुर्लभ मामला है जो कई बार हृदय का ऑपरेशन कराने वाले मरीजों में पाया जाता है और ऐसे मामलों में मरीज के बचने की संभावना 50 प्रतिशत ही रहती है।”

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन कुछ महीने पहले हुआ था। चिकित्सकों की देखरेख में ऑपरेशन के बाद 45 दिनों तक नसों के जरिये एंटी फंगल दवा दी गई। मरीज की हालत को स्थिर किया गया और अब वह पूरी तरह से ठीक है।

उन्होंने कहा, ऐसे मामलों में, 50 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है और सफलता की दर बेहद कम होती है क्योंकि हृदय की हर धड़कन के साथ भारी फंगल बॉल बाहर आती है, जिससे फलस्वरूप लकवे का दौरा पड़ सकता है, गुर्दे या हाथ पैरों में समस्या हो सकती है।

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